दिल्ली प्रधानमंत्री संग्रहालय साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब: मोदी 15th April 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां स्थित तीन मूर्ति भवन परिसर में नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया और इसे प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब करार देते हुए उम्मीद जताई कि यह संग्रहालय भारत के भविष्य के निर्माण का एक ऊर्जा केंद्र भी बनेगा। भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक दो अपवादों को छोड़ दिया जाए तो देश में लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है, इसलिए अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहना सभी का दायित्व भी है। प्रधानमंत्री संग्रहालय दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर में निर्मित है और इसमें देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन की झलक के साथ साथ राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान दर्शाया गया है। इसका उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने संग्रहालय का अवलोकन भी किया। इसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि देश के ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं और सुदूर देहात, एकदम गरीब परिवार, किसान परिवार से आकर भी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास को दृढ़ करता है। उन्होंने कहा, यह देश के युवाओं को भी विश्वास देता है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी शीर्षतम पदों पर पहुंच सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज जिस ऊंचाई पर है वहां तक उसे पहुंचाने में स्वतंत्र भारत के बाद बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है। आज यह संग्रहालय भी प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब बन गया है। उन्होंने कहा कि देश के सभी प्रधानमंत्री ने अपने समय की अलग-अलग चुनौतियों को पार करते हुए देश को आगे ले जाने की कोशिश की और सभी के व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व के अलग-अलग आयाम रहे हैं। पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि यह नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय भविष्य के निर्माण का भी एक ऊर्जा केंद्र बनेगा। अलग-अलग दौर में नेतृत्व की क्या चुनौतियां रहीं, कैसे उनसे निपटा गया, इसको लेकर भी भावी पीढ़ी के लिए यह एक बड़ी प्रेरणा का माध्यम बनेगा। इस संग्रहालय का उद्घाटन आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में देश भर में मनाए जा रहे ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान किया गया है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता के पश्चात देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके योगदान के माध्यम से लिखी गई भारत की गाथा का वर्णन करता है। इस संग्रहालय में कुल 43 दीर्घाएं हैं। नवीनता और प्राचीनता के मिले-जुले रूप का प्रतीक यह संग्रहालय पूर्व तीन मूर्ति भवन के खंड-एक को नव-निर्मित भवन के खण्ड-दो से जोड़ता है। दोनों खण्ड का कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता संग्राम के प्रदर्शन से शुरू होकर संविधान के निर्माण तक की गाथा बताता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद देश को नई राह दी और देश की सर्वांगीण प्रगति को सुनिश्चित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर प्रधानमंत्री ने अपने समय की अलग-अलग चुनौतियों को पार करते हुए देश को आगे ले जाने की कोशिश की और सभी के व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व के अलग-अलग आयाम रहे हैं। Post Views: 279