ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य बांबे हाईकोर्ट का सुझाव- प्रवासी मजदूरों को घर लौटने की अनुमति देने पर विचार करे राज्य सरकार, 4 मई को होगी सुनवाई 15th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: बांबे हाई कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से इस पर विचार करने को कहा है कि क्या फंसे हुए प्रवासी मजदूर मेडिकल जांच के बाद राज्य के भीतर अपने घर लौट सकते हैं? इस मामले पर अब चार मई को सुनवाई होगी। जस्टिस आरके देशपांडे ने को दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह सुझाव किया। याचिकाओं में कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों और दिहाड़ी मजदूरों की दयनीय हालत के मसले को उठाया गया है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे मजदूरों को राज्य के अंदर उनके पैतृक निवास पर लौटने की अनुमति देने पर विचार कर सकती है, क्योंकि इससे प्रशासन पर भार कम होगा। ऐसे मजदूरों को वापस जाने की अनुमति देने से पहले उनकी मेडिकल जांच कराई जा सकती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वो अपने साथ कोरोना वायरस नहीं ले जा रहे हैं। जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस महामारी का प्रसार न हो, जो बहुत हद तक अभी इससे बचे हुए हैं।महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने भरोसा दिलाया कि प्रवासी मजदूरों और दिहाड़ी मजदूरों की परेशानियों को दूर करने के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति अदालत के सुझावों पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय समितियां इन मजदूरों के सामने आ रही पानी, भोजन, शेल्टर और दूसरी तरह की परेशानियों को दूर करने में लगी हुई हैं।अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार सर्वे कराकर फंसे हुए प्रवासी कामगारों और दिहाड़ी मजदूरों की सूची तैयार कराए। जज ने यह भी कहा कि कोविड-19 की समस्या सिर्फ अपने देश की ही नहीं है, बल्कि यह संक्रमण पूरी दुनिया में फैला है। कामगारों और मजदूरों के एक से दूसरे राज्यों में आने-जाने का मसला केंद्र सरकार के अधीन है, जिसका समाधान उसे विभिन्न राज्य सरकारों के साथ सलाह मशविरे के जरिए करना है। जस्टिस देशपांडे ने कहा कि स्वाभाविक है कि फंसे हुए कुछ कामगार या मजदूर समस्याओं का सामना कर रहे होंगे, लेकिन मौजूदा हालात में जब तक कोई सर्वे नहीं किया जाता है और राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से कोई उचित निर्णय नहीं लिया जाता है, कोई सकारात्मक निर्देश जारी करना संभव नहीं है। Post Views: 221