उत्तर प्रदेशचुनावी हलचलदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र: कल भाजपा में शामिल होंगे पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह! 2019 में छोड़ा था कांग्रेस का साथ 6th July 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर सिंह बुधवार को भाजपा में शामिल हो जाएंगे। भाजपा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बुधवार दोपहर को मुंबई में होने वाले एक कार्यक्रम में कृपाशंकर सिंह के साथ नासिक जिले के युवा नेता रावसाहेब कदम भी भगवा दल की सदस्यता लेंगे। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी शामिल होंगे। बता दें कि कृपाशंकर सिंह ने 10 सितंबर 2019 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का समर्थन किया था। तभी से अनुमान जताए जा रहे थे कि वह भाजपा के खेमे में शामिल हो सकते हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर कालिना विधानसभा सीट से वह तीन बार विधायक भी रहे थे। माना जा रहा है कि कृपा भईया के भाजपा प्रवेश से मुंबई महानगरपालिका के आगामी चुनाव में समीकरण बदल सकते हैं। कांग्रेस में लंबी पारी खेल चुके मूलतः उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी कृपाशंकर सिंह कांग्रेस छोड़ने के बाद अब तक किसी अन्य पार्टी में नहीं गए। हालांकि, कांग्रेस की ओर से उन पर यह आरोप भी लगाया गया कि वह चुनाव जीतने की गरज से भाजपा या शिवसेना में जाना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। पता चला है कि पिछले कुछ महीनों में उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात हो चुकी है। मुंबई में पूर्व मुख्यमंत्री एवं अब नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस से भी वह पिछले कुछ समय से लगातार संपर्क में हैं। विधानसभा चुनाव के बाद बदला उतारना चाहती बीजेपी बुधवार को दोपहर 12 बजे वह फडणवीस एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की उपस्थिति में भाजपा का दामन थामेंगे। कृपाशंकर सिंह का भाजपा प्रवेश मुंबई महानगरपालिका (मनपा) के अगले साल होने जा रहे चुनावों की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा पिछले चुनाव में शिवसेना से सिर्फ चंद सीटों से पीछे रह गई थी। इस बार वह मनपा पर कब्जा कर शिवसेना को सबक सिखाना चाहती है। खासतौर से पिछले विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने जिस तरह से पाला बदला है, भाजपा उसका बदला लेना चाहती है। हिंदीभाषी चेहरा लाकर कमी दूर करने का प्रयास गौरतलब है कि मुंबई में कई वार्ड ऐसे हैं, जहां हिंदीभाषी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। मूलतः यह वर्ग कांग्रेस से ही जुड़ा रहा है। 2014 के बाद मोदी के नाम पर हिंदीभाषियों का रुझान तो भाजपा की ओर हुआ है, लेकिन मुंबई भाजपा में कोई प्रभावी हिंदीभाषी चेहरा न होने के कारण वह भाजपा से पूरी तरह जुड़ नहीं पा रहा है। भाजपा अब कृपाशंकर को लाकर इसी कमी को दूर करना चाहती है। मुंबई की करीब सवा करोड़ आबादी में हिंदीभाषियों की संख्या 40 लाख के लगभग आंकी जाती है। मूलतः रायबरेली निवासी डा.राममनोहर त्रिपाठी के बाद कृपाशंकर सिंह ही निर्विवाद हिंदीभाषी नेता के रूप में उभरकर सामने आ सके हैं। संगठन क्षमता से उभरकर सामने आया चेहरा कृपाशंकर सिंह के मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष रहते कांग्रेस-राकांपा गठबंधन मुंबई की सभी छह लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रहा था। इनमें पांच सीटें कांग्रेस ने और एक उसकी सहयोगी राकांपा ने जीती थीं। उनके मुंबई अध्यक्ष रहते विधानसभा चुनाव में भी मुंबई की 34 में से 22 सीटें कांग्रेस जीती थी। इनमें सर्वाधिक छह हिंदीभाषी विधायक भी पहली बार ही चुनकर आए थे। यहां तक कि मुंबई महानगरपालिका चुनाव में भी उनके कार्यकाल के दौरान 18 हिंदीभाषी सभासद चुनकर आए थे। अब भाजपा सिंह की इसी संगठन क्षमता का इस्तेमाल कर मुंबई के समीकरण अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। Post Views: 230