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महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का मुद्दा केंद्र पर छोड़ा

मुंबई: ‘हनुमान चालीसा’ का मुद्दा महाराष्ट्र से लेकर देशभर में विवाद का कारण बनता दिख रहा है। धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का मुद्दा भले ही महाराष्ट्र से शुरू हुआ हो, लेकिन राज्य सरकार ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने का काम केंद्र सरकार पर छोड़ दिया है। गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने घोषणा की थी कि यदि मस्जिदों से 3 मई तक लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो उनकी पार्टी मस्जिदों के सामने ही लाउडस्पीकर पर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करेगी। राज ठाकरे अब भी अपनी इस घोषणा पर कायम हैं।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सोमवार को लाउडस्पीकर के मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। जिसमें न तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल हुए और न ही मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे। भाजपा ने भी इस बैठक का बहिष्कार किया। लेकिन बैठक के बाद गृहमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास कोई लाउडस्पीकर न तो लगाने का अधिकार है, न हटाने का। चूंकि इस संबंध में फैसला सुप्रीम कोर्ट का आया था, इसलिए केंद्र सरकार को इस संबंध में उचित दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए। ताकि सभी राज्य उसका समान रूप से पालन कर सकें।
इस बैठक में राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि बैठक का आयोजन राज्य की कानून-व्यवस्था एवं लाउडस्पीकर पर दिशा-निर्देश तय करने के लिए किया गया था। यह किसी मस्जिद या मंदिर का मसला नहीं है, बल्कि हर उस स्थान का मसला है, जहां लाउडस्पीकर का उपयोग किया जाता है। आदित्य ठाकरे के अनुसार, बैठक में तय किया गया है कि महाराष्ट्र सरकार यह मसला केंद्र के सामने उठाएगी। सभी दलों के प्रतिनिधि मिलकर इस बारे में केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे।