उत्तर प्रदेश

रवीन्द्र जायसवाल ने वेतन लेने से फ‍िर क‍िया इंकार, सीएम राहत कोष में जमा करने के लिए लिखा पत्र

लखनऊ/वाराणसी, (राजेश जायसवाल): 2012 से लगातार विधायक और वर्तमान में योगी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने पहले की तरह आगे भी वेतन न लेने का निर्णय किया है। 16वीं, 17वीं के बाद 18वीं विधानसभा के लिए भी वाराणसी की उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए रवीन्द्र जायसवाल ने जनकल्याण के लिए एक बार फिर से अपना पूरा वेतन ‘मुख्यमंत्री पीड़ित राहत कोष’ में जमा करने के लिए अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन को पत्र लिखा है।
तीसरी बार विधायक चुने गए रवीन्द्र जायसवाल पिछली सरकार के दौरान वर्ष 2019 से स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री बने थे। योगी सरकार 2.0 में भी रवीन्द्र एक बार फिर स्टाम्प विभाग के ही मंत्री बनाए गए हैं। रवीन्द्र ने बताया कि वह वर्ष 2012 में पहली बार विधायक बनने के बाद से ही वह वेतन नहीं ले रहे हैं। 18वीं विधानसभा के लिए सदस्य निर्वाचित होने के बाद भी उन्होंने वेतन न लेने का निर्णय किया है। उन्होंने अपना पूरा वेतन मुख्यमंत्री पीड़ित राहत कोष में जमा करने के लिए कहा है ताकि उसे प्रदेश की जनता के कल्याण में खर्च किया जा सके।
श्री जायसवाल ने कहा कि जनसेवा के कार्यों से उन्हें जो अनुभूति होती है वह सरकारी वेतन के रूप में मिलने वाले धन से कहीं अधिक आत्म संतुष्टि प्रदान करता है। उन्होंने नि:स्वार्थ जनसेवा का व्रत लिया है।
बता दें कि रवींद्र जायसवाल शहर उत्तरी से तीसरी बार विधायक बने हैं। इस बार भी उनको राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया है। उनकी शिक्षा एलएलबी, एमकाम हरिश्‍चंद्र पीजी कालेज वाराणसी और मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से हुई है। वह मूल रूप से लल्लापुर खुर्द थाना सिगरा के स्थाई न‍िवासी हैं। वाराणसी शहर उत्‍तरी (388) से इस बार उन्‍होंने तीसरी बार जीत हासिल की है। वहीँ रवींद्र जायसवाल तीन बार विधायक और दो बार योगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। रवींद्र जायसवाल ने कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के ल‍िए अपनी विधायक निधि से 22 लाख रुपये देने की स्वीकृति प्रदान की थी।

सीएम योगी कर चुके हैं तारीफ
पिछली सरकार में एक बैठक के दौरान जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह पता चला कि मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कभी विधायक और मंत्री का वेतन लिया ही नहीं, हर बार उनका वेतन ‘मुख्यमंत्री आपदा कोष’ में ही जाता है…तो उन्होंने इस कदम की तारीफ की थी।