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महाराष्ट्र: पूर्व गृहमंत्री देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप: चांदीवाल कमीशन की जांच रिपोर्ट, परमबीर के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद कहा गया!

मुंबई: सौ करोड़ की वसूली का आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत मिली है। सूत्रों के मुताबिक, चांदीवाल कमीशन ने देशमुख को ‘जबरन वसूली’ के आरोपों से बरी कर दिया है। रिपोर्ट में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया गया है।

दो सूटकेस में डॉक्युमेंट लेकर सीएम के पास पहुंचे
परमबीर सिंह के आरोप की जांच कर रहे चांदीवाल कमीशन ने 201 पन्नों की अपनी एक जांच रिपोर्ट मंगलवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को सौंपी। एक सदस्यीय जांच समिति के प्रमुख जस्टिस उत्तम चांदीवाल 2 सूटकेस में रिपोर्ट्स और बयान की कॉपी लेकर सीएम के पास पहुंचे और उन्हें औपचारिक रूप से इसे सौंप दिया।

6 महीने बढ़ाया गया इस जांच समिति का कार्यकाल
इस जांच समिति का गठन 30 मार्च, 2021 को राज्य सरकार ने किया था। इसे सिर्फ 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने इसका कार्यकाल बढ़ा दिया था। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की कार्रवाई के बाद देशमुख फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ सीबीआई भी जांच कर रही है। ED ने उनके पीए और पीएस को भी अरेस्ट किया है, उनकी जमानत अर्जी भी कई बार खारिज हो चुकी है।

80 से ज्यादा बैठक हुई, कई लोगों के बयान दर्ज हुए
जांच समिति ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 80 से अधिक बैठकें की और उन्होंने परमबीर के अलावा, अनिल देशमुख, उनके स्टाफ, परिवार के सदस्यों, एंटीलिया केस के आरोपी सचिन वझे और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक सहित कई लोगों का बयान दर्ज किए हैं। सरकार इस रिपोर्ट को विधानसभा के आगामी सत्र में सदन के पटल पर भी रखने वाली है।

परमबीर सिंह ने देशमुख पर यह लगाया था आरोप
मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह सीएम उद्धव ठाकरे को लेटर लिख कर यह आरोप लगाया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल मुंबई के बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ की वसूली के लिए कर रहे हैं। परमबीर सिंह के मुताबिक, मुंबई के 1750 बार और रेस्टोरेंट से 2-2 करोड़ वसूलने का टारगेट देशमुख ने दिया था। इस काम में सचिन वझे समेत कई पुलिस अधिकारियों को लगाया गया था।

ऐसे हुई इस केस में सीबीआई और ईडी की एंट्री
इस आरोप के बाद अनिल देशमुख मुश्किलों में घिर गए। उन्हें गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस केस की जांच शुरू कर दी। जब इस केस की जांच शुरू हुई तो मनी लॉन्ड्रिंग के और भी केस खुलते चले गए। ऐसे में एक और केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की भी एंट्री हो गई। अनिल देशमुख के कई ठिकानों पर छापे पड़े और फिर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल, अनिल देशमुख मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में हैं।