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राकांपा का राष्ट्रीय अधिवेशन: सामाजिक समानता सुनिश्चित करने के लिए हो ओबीसी की जातीय जनगणना

मुंबई: महाराष्ट्र में बिना ओबीसी आरक्षण के हो रहे निकाय चुनावों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने ओबीसी की जातीय जनगणना की मांग उठाई है। शनिवार को यहां अपने राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले आयोजित पार्टी की विस्तारित राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में राकांपा ने एक बार फिर इस मांग को उठाया है। रविवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राकांपा का 8वां राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है। इससे पहले आज शाम यहां पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई। बैठक में देश के आर्थिक हालात, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दें, विपक्षी एकता, ओबीसी की जातीय जनगणना सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की और प्रस्ताव पारित किए। प्रस्ताव में इन मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना की गई।
कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि पार्टी ने इन मुद्दों के साथ प्रमुखता से ओबीसी की जातीय जनगणना के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पार्टी इसके समर्थन में है और सामाजिक समानता सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि संविधान के जरिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण दिया गया जिससे उन्हें लाभ मिला। इसी तरह का लाभ अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी मिलना चाहिए। इसके लिए ओबीसी की जातीय जनगणना जरुरी है।
पटेल ने कहा कि देश में राजनीतिक हालात ठीक नहीं है। लोगों में भयंकर असंतोष है। ऐसे में पार्टी की भूमिका क्या रहेगी इसके साथ सामूहिक फ्रंट तैयार करने को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने प्रदेश में बने राजनीतिक हालातों को लेकर कहा कि राज्य में जिस तरह से कानून की धज्जियां उड़ाते हुए महाविकास आघाडी सरकार को गिराया और पार्टियों तथा नेताओं पर हमले हो रहे है। उसे देखते हुए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आने की जरूरत है और इस दिशा में प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए आने वाले 2024 के आम चुनाव में राकांपा की काफी अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से शरद पवार को फिर चार साल के लिए पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की आधिकारिक घोषणा की गई।