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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ के खिलाफ ED की कार्रवाई; चीनी मिल भ्रष्टाचार से जुड़ा है मामला

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को एनसीपी के कद्दावर नेता और विधायक हसन मुश्रीफ और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत महाराष्ट्र में कई परिसरों की तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, कोल्हापुर जिले में एक सहकारी चीनी मिल (Cooperative Sugar Mill) की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में ये छापेमारी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मुंबई, पुणे और कोल्हापुर में स्थित परिसरों को ईडी अधिकारियों द्वारा सुबह करीब साढ़े छह बजे से कवर किया जा रहा है।
68 वर्षीय मुश्रीफ कोल्हापुर की कागल सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक हैं। वह महाराष्ट्र में पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता वाली राजनीतिक पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं। मुश्रीफ 1999 से लगातार कागल सीट से चुने जाते रहे हैं।
एनसीपी नेता ने एक इंस्टाग्राम वीडियो संदेश पोस्ट कर अपने समर्थकों से अपने रिश्तेदारों, बेटी और कुछ सहकारी चीनी मिलों के परिसरों में की जा रही कार्रवाई में बाधा नहीं डालने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उन्हें उस मामले की जानकारी नहीं है जिसके लिए ईडी की कार्रवाई की जा रही है।

ED की कार्रवाई बदले की राजनीति: राउत
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता और सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और विधायक हसन मुश्रीफ के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया दी है। राउत ने ईडी की कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है।
सांसद संजय राउत ने प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि यह कार्रवाई बदले की राजनीति से प्रेरित है, लेकिन हसन मुश्रीफ इससे बाहर निकल आएंगे। उन्होंने कहा कि हसन मुश्रीफ विपक्ष के नेता हैं, जो एक खास विचारधारा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। राउत ने आगे कहा कि चाहे मैं हूं या अनिल देशमुख हो या नवाब मलिक, जिन्हें सभी अलग-अलग मामलों में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
संजय राउत ने आगे कहा कि कुछ भाजपा नेताओं ने हसन मुश्रीफ को सलाखों के पीछे डालने की बात की थी। इस तरह की भाषा का इस्तेमाल सांसद भावना गवली, यशवंत जाधव के खिलाफ किया गया था। दोनों शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि और भी कई महत्वपूर्ण नेता हैं, जो अभी सरकार का हिस्सा हैं और उन्हें राहत मिल गई है। हालांकि, जो विपक्ष में हैं, वे बदले की राजनीति का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुश्रीफ एक योद्धा हैं और पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा है।

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने 2021 में आरोप लगाया था कि पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री (मुश्रीफ) अपने परिवार के सदस्यों और कंपनियों के माध्यम से ‘बेनामी’ संस्थाओं को पकड़कर भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे। एनसीपी ने तब इन आरोपों को खारिज किया था।