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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को SC से राहत, 17 महीने बाद जेल से आएंगे बाहर!

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को शुक्रवार (11 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। नवाब मलिक फरवरी 2022 से मनी लॉड्रिंग के केस में जेल में थे। मलिक को ईडी ने फरवरी 2022 में भगोड़े आतंकवादी दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंत्री पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने का आरोप लगाया था।

वानखेड़े पर हमला मामले में चर्चा में आए थे मलिक
बता दें कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े पर लगातार
(सोशल मीडिया) के जरिये हमला करने के मामले में भी मंत्री नवाब मलिक काफी चर्चा में रहे थे। उन्होंने वानखेड़े पर अक्टूबर 2021 में मुंबई पोर्ट पर एक जहाज में छापेमारी के बाद ड्रग्स विरोधी अधिकारी के नेतृत्व में सर्विस से रिलेटेड कई गलत का काम करने के आरोप लगाए थे। उस समय मलिक के दामाद समीर खान को वानखेड़े की मुंबई यूनिट ने ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नहीं दी थी जमानत
गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वीकार किया कि नवाब मलिक के जीवन के अधिकार का किसी भी तरह से हनन नहीं हुआ है। उन्हें ‘विशेष चिकित्सा सहायता’ प्रदान की जा रही थी। हाईकोर्ट ने तब उन्हें यह कहते हुए जमानत देने से मना कर दिया था कि वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं हैं।
पूर्व मंत्री नवाब मलिक की लीगल टीम कोर्ट के समक्ष यह तर्क दे रही थी कि पिछले कुछ महीनों से उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। वह स्टेज 2 से स्टेज 3 क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित हैं। किडनी के प्रॉपर इलाज और रेस्ट के लिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।

ईडी ने क्या कहा?
वहीँ, ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें चिकित्सा आधार पर नवाब मलिक को जमानत देने से कोई परेशानी नहीं है। मेहता ने आगे कहा कि उन्हें दो महीन के लिए बेल दे दीजिए।