दिल्लीमहाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र: शाह-पवार की मुलाकात ने बढ़ाया सियासी पारा, संजय राउत बोले- सरकार को नहीं कोई खतरा 29th March 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this अहमदाबाद: दो दिनों से देशभर में दो दिग्गज नेताओं अमित शाह और शरद पवार के बीच हुई मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है. सवाल किया जा रहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी मिलकर किसी नए गठबंधन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं क्या?कहा जा रहा है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी अगर बीजेपी से जा मिलती है तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार का क्या होगा? ठाकरे सरकार को इससे कोई खतरा है क्या? महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति तो नहीं बन रही? इन सारे सवालों का आज संजय राउत ने जवाब दिया.अमित शाह और शरद पवार के बीच अहमदाबाद में शनिवार रात को हुई मुलाकात की ख़बरों पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि अमित शाह देश के गृहमंत्री हैं. अमित शाह से कोई भी मिल सकता है. वे देश के गृहमंत्री हैं. वे कहते हैं ऐसी बातें सार्वजनिक नहीं की जाती और फिर बातें बाहर आ जाती हैं. अगर शरद पवार उनसे मिलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि कोई खिचड़ी पक रही है या सरकार को खतरा है. जिस तरह से अपोजिशन माहौल बना रहा है, उस तरह के माहौल से फायदा उठाने का मौका हम विपक्ष को नहीं देंगे. बंद कमरे की बातें बाहर लाना, और कहना सार्वजनिक नहीं करतेराजनीति में कोई भी खबर गुप्त नहीं होती. आप तक खबर आ गई तो गुप्त हो गई क्या? ये कोई गुप्तचर पांडे वाली स्टोरी नहीं है. बंद कमरे की बातें बाहर आ रही हैं, यह चिंता की बात है. पहले भी अमित शाह ने कहा है कि वे बंद कमरे की बात बाहर नहीं करते हैं और फिर बातें बाहर आ जाती हैं. बता दें कि शिवसेना लगातार यह कहती रही है कि अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच बंद कमरे में बात हुई थी. इस बातचीत में अमित शाह ने वादा किया था कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. लेकिन बाद में अमित शाह मुकर गए. इस वजह से BJP और शिवसेना का गठबंधन टूट गया. संजय राउत जब यह कह रहे थे कि अमित शाह ने पहले भी बंद कमरे में बातचीत की हैं. वो बातचीत बंद कमरे तक नहीं रहती, तो उनका इशारा इसी तरफ था. राज्य के गृहमंत्री पर निशाना नहीं साधा, बस चिंता जताईजब संजय राउत से यह सवाल किया गया कि उन्होंने रविवार के अपने आर्टिकल में राज्य के गृहमंत्री पर सवाल उठाया था कि सचिन वाजे वसूली के काम में लगा था और उन्हें पता कैसे नहीं चला. यानी सचिन वाजे की हर हरकत की जानकारी गृहमंत्री अनिल देशमुख को थी. अपने आलेख में उन्होंने अनिल देशमुख को एक्सिडेंटल होम मिनिस्टर भी बताया और लिखा कि वे तो गलती से होम मिनिस्टर बन गए, उनको तो बनना ही नहीं था. इस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आपत्ति भी जताई और सलाह दी कि सरकार में शामिल पार्टियों के बीच नमक घोलने का काम ना करें. इन सब बातों पर क्या कहना है.इस पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा यह किसी पर निशाना साधने वाली बात नहीं. महाराष्ट्र का पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं से नाम खराब हुआ है. जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो जरूर दुख होता है और उसका कारण ढूंढना चाहिए. राज्य के गृहमंत्री हों या अन्य मंत्री हों, अपने-अपने तरीके से ठीक काम कर रहे हैं. कल हमने लिखा, कल उस पर बात खत्म हो गई. इस पर राज्य का विपक्ष माहौल बना रहा है. हम उसे माहौल बनाने का मौका नहीं देंगे. सरकार को कोई खतरा नहीं, सरकार स्थिर हैफिर जब संजय राऊत से पूछा गया कि आखिर क्यों मुख्यमंत्री ने आपको कल बुलाया? मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सवा घंटे तक क्या चर्चा हुई? इस पर संजय राऊत ने कहा कि वे मुख्यमंत्री ही नहीं, हमारी पार्टी के प्रमुख हैं. हम जब उनसे मिलते हैं, तो हर तरह की चर्चा करते हैं. मविआ सरकार को कोई खतरा नहीं. अगर अमित शाह और शरद पवार की मुलाकात हुई तो होने दीजिए. किसी काम से मिलने में गलत क्या? इससे सरकार को फर्क नहीं पड़ता. विपक्ष बेरंग है, महाराष्ट्र में रंग खेलने पर प्रतिबंध हैमहाराष्ट्र में पुलिस विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए रिश्वतखोरी के रैकेट के मामले से संबंधित डेटा देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृहसचिव को जाकर दिया. इस पर कमेंट करते हुए संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस का नाम लिए बिना कहा कि विपक्ष को महाराष्ट्र नहीं दिखता. उन्हें गृहसचिव दिखते हैं, केंद्रीय गृहमंत्री दिखते हैं. विपक्ष से मेरा यही कहना है कि विपक्ष आरोपों का रंग ना उड़ाए. विपक्ष बेरंग हो चुका है. सरकार ने होली में रंग खेलने पर पाबंदी लगाई है. विपक्ष को अब आराम करना चाहिए. बीजेपी ने दिया राउत को जवाबसंजय राउत के इस बयान का कि अमित शाह पहले भी बंद कमरे की बातें सार्वजनिक नहीं करने की बात करते रहे हैं, और बातें सार्वजनिक हो जाती हैं, जवाब देते हुए BJP के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने Tv9 से कहा कि अमित शाह ने कभी उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया ही नहीं था. जब बंद कमरे में कोई वादा किया ही नहीं गया तो उसे सार्वजनिक करने का प्रश्न ही कहां उठता है? आगे वे कहते हैं कि अगर ऐसा कोई वादा अमित शाह ने बंद कमरे में किया था तो उन्होंने उसके बाद कई सार्वजनिक सभाओं में कहा था कि भाजपा-शिवसेना की सरकार बनती है तो देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे. तब शिवसेना ने आपत्ति क्यों नहीं जताई, जबकि ऐसी एकाध सभा में स्वयं उद्धव ठाकरे भी उपस्थित थे? यानी भाजपा का कहना है कि संजय राउत की बातें निराधार है. महाराष्ट्र में एक तरफ कोरोना का हाहाकार है, दूसरी तरफ राजनीति भी बरकरार है. नवाब मलिक ने बीजेपी पर साधा निशानामहाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने पार्टी प्रमुख शरद पवार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात का खंडन किया है. मलिक ने आरोप लगाया कि इस तरह की बातें करके भ्रम पैदा करना बीजेपी का तरीका है.मलिक ने आगे कहा, यह पूरी तरह से झूठी जानकारी है, जिसे कुछ लोगों ने भ्रम पैदा करने के लिए जानबूझकर फैलाया है. भारतीय जनता पार्टी कुछ भ्रम पैदा करना चाहती है. ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई है. शरद पवार का शाह से मिलने का कोई कारण नहीं है. Post Views: 189