उत्तर प्रदेशशहर और राज्यसामाजिक खबरें महाशिवरात्रि पर हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठीं भाेले बाबा की नगरी 4th March 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this बाबा विश्वनाथ के दर्शन को काशी में उमड़ पड़ा आस्था का जनसैलाब..! वाराणसी, महाशिवरात्रि पर देश के द्वादस ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी में रविवार की शाम से ही जनसैलाब उमड़ पड़ा। आस्था के उफान का आलम यह था कि कतार दशाश्वमेध घाट स्थित गंगा तट तक जा पहुंची। महाशिवरात्रि से पहले ही देश विदेश से भक्तों का रेला काशी पहुंच चुका था। एक दिन पहले ही बाबा दरबार में लाखों की संख्या में भक्तों ने मत्था टेका और एक लाइन चौक थाने से होते हुए नीचीबाग के आगे तक नजर आई तो दूसरी लाइन बांसफाटक से गोदौलिया होते दशाश्वमेध घाट तक पहुंच गई। सोमवार सुबह 11 बजे तक मंगला आरती के बाद से एक लाख से अधिक लोग बाबा दरबार में दर्शन पूजन कर चुके थे। वहीं पंचक्रोशी परिक्रमा के लिए भी लाखों की भीड़ उमड़ी और हर-हर महादेव की काशी की गलियां गूंज उठीं।महाशिवरात्रि पर चहुंदिशाएं हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठीं। एक ओर बाबा के विवाहोत्सव से जुड़ा त्योहार तो दूसरी ओर सोमवार के संयोग में शहर से लेकर गांव तक के शिवालयों में भोर से कतार लगी रही। रविवार सुबह से ही दिन-रात दर्शन के बाद भी पांच किलोमीटर दायरे में दर्शनार्थियों का रेला श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ पड़ा था। कतार का एक सिरा मैदागिन, लक्सा तो तीसरा दशाश्वमेध घाट को छूता रहा। भोर में मंगला आरती के बाद सुबह नौ बजे तक एक लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन कर लिया। हालांकि गर्भगृह में प्रवेश के बज य बाहर से ही दर्शन व्यवस्था के कारण बाबा का जलाभिषेक व पुष्प पत्र न अर्पित कर पाने का श्रद्धालुओं को अफसोस रहा। इसके लिए मंदिर प्रशासन को लोग कोसते भी रहे। कैथी के मार्कंडेय महादेव, हरहुआ रामेश्वर महादेव, रोहनिया शूल टंकेश्वर महादेव मंदिर समेत शहर से लेकर गांव तक शिव भक्तों का रेला उमड़ता रहा। महाशिवरात्रि पर नागा संन्यासियों ने किया बाबा का शाही दर्शन। हनुमान घाट पर गंगा में स्नान के बाद सुबह आठ बजे ध्वज – निशान के साथ जूना अखाड़े के साधु बाबा दरबार पहुंचे। आम भक्तो की कतार रोक उन्हें दर्शन कराया गया। नागा संन्यासियों के स्वागत में भी श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव उद्घोष किया। दोपहर में महानिर्वाणी अखाड़ा करेगा बाबा का दर्शन। कुंभ में वसंत पंचमी पर शाही स्नान बाद शैव अखाड़े परंपरानुसार काशी आए हैं। अब बाबा के साथ होली मनाने के बाद अपने अपने धाम जाएंगे। सोमवार की सुबह गंगा घाट पर स्नान दान से लेकर बाबा दरबार में दर्शन पूजन के लिए लाखों की भीड उमडी और सडकों पर लगा मानो आस्था का पूरा समुंदर उमड पडा हो। काफी समय बाद यह पहला मौका था जब रात भर बाबा दरबार में दर्शन पूजन का क्रम चलता रहा। सडक गलियां और घाटों में मानव श्रंखला की अनगिन कडियों से बिना वाहन भी ट्रैफिक जाम सरीखा नजारा दिखा। वहीं बाबा दरबार से लेकर कैथी महादेव, रामेश्वर महादेव और सारंगदेव मंदिर में आस्था का रेला देर रात से ही उमड़ता रहा। देवाधिदेव महादेव भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाने की शास्त्रीय परंपरा है। इस बार महाशिवरात्रि देवाधिदेव महादेव के दिन सोमवार को पड़ी है तो रात में ही शिवयोग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। फाल्गुन त्रयोदशी तिथि रविवार को दोपहर बाद 2:10 बजे लग गई माना जा रहा है इस कारण भी एक दिन पहले भक्तों का रेला काशी में उमड़ पड़ा। यही है बनारस, अपने अक्खड़पन व फक्कड़पन के लिए देश-दुनिया में प्रख्यात नगरी। बाबा के विवाहोत्सव यानी महाशिवरात्रि पर दर्शन के लिए एक दिन पहले रविवार को ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए रेला उमड़ पड़ा। गंगधार से बाबा द्वार तक रिकार्ड तोड़ भीड़ और भक्तों की मैदागिन व लक्सा तक कतार। इस उमड़े जनसैलाब को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भक्त और भगवान के बीच की दूरी खत्म करने का निर्णय लिया और शयन आरती के लिए कुछ देर विश्राम के बाद मंदिर खोल दिया।यह ऐतिहासिक कदम परंपरावादियों को चौंकाने वाला जरूर रहा लेकिन कतार में घंटों से बेजार दूर-दराज से आए भक्तों ने बाबा को जलाभिषेक की अपनी मुराद पूरी होने पर खुद को धन्य मान लिया। इसके अलावा इसे भी ऐतिहासिक ही कहा जाएगा कि दरस-परस की मान्यता वाले बाबा दरबार में इस बार दोपहर बाद डेढ़ बजे से गर्भगृह में प्रवेश निषिद्ध कर दिया गया। इस कारण भक्तों को बाहर से झांकी दर्शन मिल पाया। सीईओ विशाल सिंह ने इसे भीड़ के कारण हर एक भक्त को दर्शन कराने के लिहाज से अपनी विवशता करार दिया। वास्तव में महाशिवरात्रि पर ही बाबा दरबार के पट रात्रि पर्यंत खुले रहते हैं जिसमें चार प्रहर की आरती-अनुष्ठान किए जाते हैं। इससे पूर्व काशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि व कॉरिडोर की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी समेत आला अधिकारियों ने परिक्षेत्र का दौरा किया। जिलाधिकारी ने मन्दिर व्यवस्था के साथ कॉरिडोर के रास्तों को देखा और सुरक्षा के बाबत दिशा निर्देश भी जारी किए। वहीं सोमवार की अल सुबह से ही आस्था का सागर उमडा तो अधिकारियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए मोर्चा संभाल लिया।बाबा का महापर्व महाशिवरात्रि के लिए बाबा दर्शन की घडियां जैसे जैसे करीब आईं वैसे ही आस्था का सागर घाट से लेकर मंदिर तक जुटने लगा। इससे पूर्व डीएम ने पहुंचते ही बाबा दरबार में सबसे पहले मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जायजा लिया। उसके बाद मुख्य कार्यपालक आफिस गये जहां बाबा दरबार में आने वाले श्रद्धालुअों की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दर्शन में हम सब की पहली प्राथमिकता होगा कि सब को सुलभ दर्शन मिले। सुरक्षाकर्मियों से मिलकर उनको सुरक्षा के साथ भक्तों से उचित आचरण प्रदर्शित करने की अपेक्षा भी जताई। वहीं वापसी में आने जाने वाले रास्तों को लेकर डीएम ने स्वयं मौका मुआयना किया तो कहा कि साधु सन्तों के प्रवेश के समय का भी ध्यान रखा जाए।दर्शनार्थी लाईन में बाबा की जय-जयकार लगाते आगे बढ़ रहे हैं। सुरक्षा के लिए मंदिर की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है। साथ ही सुरक्षाकर्मियों व पुलिस को भी लगाया गया है। मंदिर में भक्तों को जाने के लिए तीन लाईन लगाई गई है। जिसमें दो लाइनें सामान्य दर्शनार्थियों व तीसरी लाईन बीएचयू के छात्रों व कर्मचारियों के लिए है। इसमें सामान्य दर्शनार्थियों की एक लाईन मंदिर के गर्भ गृह से मुख्य मार्ग होते हुए बाटनी विभाग के चौराहा से होते हुए हास्टल मार्ग और वहां से छात्र स्वास्थ्य सेवा संकुल की तरफ लगी है। वहीं दूसरी लाईन मंदिर से मुख्य मार्ग होते हुए आइआइटी चौराहा तक है। तीसरी लाईन में छात्रों व कर्मचारियों की भीड़ अधिक लंबी नहीं है। इस दौरान फूल माला की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ लगी हुई है। सुरक्षा के लिए कई स्थानों पर कैम्पस के सुरक्षाकर्मी व पुलिस के जवानों को लगाया गया है। Post Views: 193