उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़

काशी में पीएम मोदी बोले- गंगा-यमुना संगम की तरह अनंत संभावनाओं और सामर्थ्य को समेटे है ‘काशी-तमिल संगमम्’

विश्व के सबसे प्राचीन जीवंत शहर काशी की पावन धरती पर आप सभी को देखकर मन बहुत प्रसन्न हो गया…

वाराणसी: शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में महीने भर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम्’ का उद्घाटन किया. अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी ने रिमोट के जरिए ‘काशी तमिल संगमम्’ कार्यक्रम का आगाज किया.
बता दें कि ‘काशी तमिल संगमम्’ का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जा रहा है. इसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों, कला, संस्कृति, स्थापत्य और साहित्य के आदान-प्रदान को ताजगी देने और तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से जोड़ने के लिए यह उत्सव मनाना है. इस दौरान तमिलनाडु से आए हजारों यात्री इस ‘काशी तमिल संगमम’ में शामिल हुए.

इस मौके पर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच ‘काशी-कांची’ का संबंध जोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी का तमिल से बहुत पुराना रिश्ता है. दोनों क्षेत्र, संस्कृत और तमिल जैसी विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं के केंद्र हैं. काशी में ‘बाबा विश्वनाथ’ हैं तो तमिलनाडु में ‘भगवान रामेश्वरम’ का आशीर्वाद.
पीएम मोदी ने कहा कि तमिल भाषा सबसे प्राचीन भाषा है, इसे सिर्फ मंदिरों तक ही सीमित रखने की जरूरत नहीं है. अब इसे बड़े फलक तक ले जाने की जरूरत है, जिसके लिए ‘काशी-तमिल संगमम्’ अब एक बड़ा जरिया बनेगा.
महादेव की नगरी काशी में प्रधानमंत्री ने ‘काशी तमिल संगमम्’ को गंगा-यमुना के संगम की भांति पवित्र और सामर्थ्यवान बताया. उन्होंने कहा, विश्व के सबसे प्राचीन जीवंत शहर काशी की पावन धरती पर आप सभी को देखकर आज मन बहुत प्रसन्न हो गया है.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में संगमों की बड़ी महिमा, बड़ा महत्व रहा है. नदियों और धाराओं के संगम से लेकर विचारों-विचाराधाराओं, ज्ञान-विज्ञान और समाजों संस्कृतियों के हर संगम को हमने सेलिब्रेट किया है. यह उत्सव वास्तव में भारत की विविधताओं और विशेषताओं का उत्सव है और इसीलिए ‘काशी तमिल संगमम्’ अपने आप में विशेष है, अद्वितीय है.
‘काशी तमिल संगमम्’ को अनंत संभावनाओं और सामर्थ्य से युक्त बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज हमारे सामने एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है, तो दूसरी ओर, भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है. गंगा-यमुना के संगम जैसा पवित्र यह संगमम अनंत संभावनाओं और सामर्थ्य को समेटे हुए है.
उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच ‘काशी-कांची’ का संबंध जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “दोनों क्षेत्र, संस्कृत और तमिल जैसी विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं के केंद्र हैं. काशी में बाबा विश्वनाथ हैं तो तमिलनाडु में भगवान रामेश्वरम का आशीर्वाद है. काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं. एक स्वयं में काशी है, तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है. ‘काशी-कांची’ के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है.
इस एक महीने लंबे आयोजन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने काशी और तमिलनाडु के सभी लोगों के साथ-साथ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और आईआईटी, मद्रास की प्रशंसा की. इस मौके पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गज हस्तियां मौजूद रहीं.

प्रयागराज के C.O क्राइम की हृदयाघात से मौत!
‘काशी तमिल संगमम्’ की वीवीआईपी ड्यूटी में लगे प्रयागराज के सीओ क्राइम रामसागर राम की शनिवार रात हृदयाघात से मौत हो गई. वे ‘काशी तमिल संगम’ की वीवीआईपी ड्यूटी में तीन दिन से वाराणसी में ठहरे हुए थे. देर शाम अचानक सीने में तेज दर्द के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया. सूचना पाकर परिजन वाराणसी पहुंचे और शव देख फकक पड़े.
प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक नगर आदि अधिकारियों ने शोक जताया. मूलरूप से अयोध्या के रहने वाले डिप्टी एसपी रामसागर राम, वाराणसी और चंदौली में अपनी सेवाएं दे चुके थे. तीन साल पूर्व वह वाराणसी एंटी करप्शन यूनिट के प्रभारी रहे थे.
इसके अलावा चेतगंज और रामनगर इंस्पेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं. चंदौली के सैयदराजा, मुगलसराय कोतवाली में लंबे समय तक तैनात थे. प्रतिसार निरीक्षक के अनुसार, हार्ट अटैक से सीओ क्राइम की मौत हुई है.