दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य महिला को जबरन देह व्यापार में धकेल, रोजाना 15-20 ‘कस्टमर’ के पास भेजा जाता…! 3rd August 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल जीबी रोड के कोठे से छुड़ाई गई सात साल की बच्ची नयी दिल्ली, एक सात साल की बच्ची को जीबी रोड के एक कोठे से दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली पुलिस ने मिलकर छुड़ाया है। बच्ची की मां ने आयोग में शिकायत दर्ज की थी कि उससे जबरन देह व्यापार करवाया गया और उसकी बच्ची को कोठे की मालकिन ने छीन लिया। महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर कोठे की मालकिन को गिरफ्तार कर लिया गया है।आयोग का कहना है कि असम की रहने वाली महिला ने उन्हें बताया कि असम से दीपक नाम का एक शख्स नौकरी दिलाने के नाम पर महिला, उसके पति और बेटी को अपने साथ दिल्ली लाया। जब हम लोग पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उसने हमें फराह नाम की एक महिला से मिलवाया। फराह और दीपक उन्हें मजनूं का टीला ले गए, जहां दीपक रहता था। फराह ने महिला से होटल में नौकरी दिलवाने की बात की। उसने बेटी को स्कूल में दाखिला दिलाने के बहाने उससे कुछ कागजों पर साइन करवाए और उसके पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक समेत सभी दस्तावेज ले लिए। महिला ने बताया कि 2-3 दिनों के बाद फराह उसे उसकी बच्ची के साथ जीबी रोड के कोठा नंबर 40 में ले आई। महिला को बताया गया कि उसकी बेटी को स्कूल में भर्ती करवाएंगे और एक हॉस्टल में रखेंगे लेकिन बच्ची को महिमा नाम की एक महिला के घर पर रखा गया। वहीं, फराह ने उसे जबरन देह व्यापार में धकेल दिया और नहीं मानने पर बेटी और पति को मारने की धमकी दी। महिला ने बताया कि जीबी रोड पर उसके साथ कई दिनों तक बलात्कार किया गया और 3 जुलाई से लेकर 30 जुलाई तक तक रोजाना 15-20 ‘कस्टमर’ के पास भेजा गया।इसके बाद महिला अपने पति की मदद से किसी तरह जीबी रोड से भागने में सफल रही और उन्होंने तुरंत आयोग से शिकायत की। आयोग ने एक टीम बनाई और कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में संपर्क किया। जब आयोग और दिल्ली पुलिस की टीम जीबी रोड पर पहुंची, तो बच्ची वहां पर नहीं थी। काफी दबाव के बाद, महिला बच्ची को सामने लाई। महिला और उसकी बेटी को कमला मार्केट थाने लाया गया।दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालिवाल ने कहा, जीबी रोड पर 7 साल की बच्ची भी सुरक्षित नहीं है। इन सभी कोठों को तुरंत खत्म करना चाहिए। तस्करों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और महिलाओं-लड़कियों का पुनर्वास किया जाना चाहिए। Post Views: 203