पुणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य मालाड के मनाली होटल से पुणे के लिए रवाना हुए आजाद.. 30th December 2018 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , शहर में कानून-व्यवस्था खराब होने की आशंका से भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की मुंबई में शनिवार को होने वाली सभाओं और कार्यक्रमों को मुंबई पुलिस ने मंजूरी नहीं दी थी। उन्हें देर शाम केवल चैत्य भूमि जाने दिया गया। वर्ली स्थित जांबोरी मैदान और दादर के शिवाजी पार्क में उनकी सभा और कार्यक्रम प्रशासन ने अंतिम समय पर रद्द कर दिए। यही नहीं, मुंबई पुलिस ने एहतियातन आजाद को मालाड स्थित मनाली होटल में नजरबंद किए रखा। यहां पुलिस का सख्त पहरा था। हालांकि पुलिस आजाद की नजरबंदी या उन्हें हिरासत में लिए जाने की खबर से इनकार कर रही है। आजाद ने इसे अपने संवैधानिक अधिकार का हनन बताया है। भीम आर्मी समर्थकों का कहना है कि आजाद पुणे जाना चाहते थे, मगर पुलिस ने इसकी भी अनुमति नहीं दी। पुलिस का कहना है कि वे जहां चाहें, आ-जा सकते हैं। आजाद को प्रशासन द्वारा रोके जाने की जानकारी मिलने पर भीम आर्मी के दर्जनों कार्यकर्ता और समर्थक मनाली होटल के आसपास शुक्रवार देर शाम से जुटने शुरू हो गए थे, जिन्हें मौके पर पहुंची दिंडोशी और वनराई पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इनमें भीम आर्मी के मुंबई प्रमुख सुरेश गायकवाड भी थे। गौरतलब हो कि पिछले साल पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा की आग से सबक लेते हुए प्रशासन इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पुलिस भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों के नेताओं की गतिविधियों और मुंबई से कोरेगांव जाने वाले अनुयायियों की जानकारी रिकॉर्ड कर रही है। टूर ऐंड ट्रेवल्स पर नजर रखी जा रही है। इसी के तहत रविवार को पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले विद्यापीठ में विद्यार्थियों के साथ होने वाले आजाद के संवाद कार्यक्रम को भी पुणे पुलिस ने अनुमति नहीं दी है। फ़िलहाल आजाद मलाड से पुणे के लिए निकल चुके हैं। पुणे के जिलाधिकारी नवलकिशोर राम ने पत्रकारों को बताया कि भीमा-कोरेगाव के विजय स्तंभ पर आगामी 1 जनवरी को पांच लाख लोगों के जुटने का अनुमान है। नियंत्रण कक्ष, सूचना केंद्र, ऐबुलैंस, मोबाइल टॉइलेटों और पानी की व्यवस्था की गई है। कोकण क्षेत्र के आईजी विश्वास नागरे पाटील भी वहीं तैनात हैं। जिन लोगों को कोरेगांव भीमा और आसपास के इलाकों में प्रवेश करने से रोका गया है, उनमें दक्षिणपंथी हिंदू नेता मिलिंद एकबोटे और कबीर कला मंच के सदस्य भी शामिल हैं। Post Views: 186