ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: तत्काल टिकट में गड़बड़ी करने वालों की खैर नहीं, 300 एजेंट्स गिरफ्तार, 21 लाख के टिकट सीज 14th February 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: रेलवे के तत्काल टिकट की बुकिंग में गड़बड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश दो हफ्ते पहले किया गया था। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने अब देशभर के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी में 300 एजेंट्स को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें से 48 सिर्फ मुंबई से हैं। इन लोगों के पास से लगभग 21 लाख रुपये के टिकट भी बरामद किए गए हैं। बता दें कि ये लोग ऑनलाइन सिस्टम के बावजूद गलत तरीके से टिकट बुक कर लेते थे और उसे महंगे दामों में बेच देते थे।जानकारी के मुताबिक, यह गिरोह हर दिन बड़े और महत्वपूर्ण रूट्स के हजारों तत्काल टिकट बुक कर रहा था। जिन 300 एजेंट्स को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी आईआरसीटीसी से अप्रूव्ड हैं। गड़बड़ी करने के लिए ये लोग आईआरसीटीसी के यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ-साथ फर्जी आईडी का इस्तेमाल करते थे। अनऑथराइज्ड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके ये लोग कुल उपलब्ध टिकटों के आधे से ज्यादा टिकट सिर्फ 50 सेकंड में ही बुक कर लेते थे। दो दिन में गिरफ्तार हुए 300 एजेंटआरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया, ‘सिस्टम में गड़बड़ी करके टिकट बुक करने वाले लोगों के खिलाफ ऐक्शन जारी कर रहेगा। सिर्फ दो दिनों में ही 300 एजेंट्स गिरफ्तार किए गए हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि सेंट्रल रेलवे ने अभी तक लगभग 11 लाख रुपये के टिकट भी बरामद कर लिए हैं। वहीं, वेस्टर्न रेलवे ने लगभग 10 लाख रुपये कीमत के टिकट बरामद किए हैं।जनवरी के आखिरी हफ्ते में आरपीएफ ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के मुखिया की पहचान गुलाम मुस्तफा के रूप में हुई है. वहीं, वेस्टर्न रीजन में गिरोह का काम दीपल साहा उर्फ डैनी साहा संभालता था। इसके अलावा दुबई से गिरोह का काम देखने वाले हामिद अशरफ की भी पहचान की है। सॉफ्टवेयर से कैप्चा और ओटीपी डालने से बचते थे एजेंटये एजेंट्स जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे, उसकी मदद से कैप्चा (CAPTCHA) और ओटीपी को स्किप कर देता था। इसी के चलते एजेंट्स हर टिकट की बुकिंग में लगभग 30 सेकंड का समय बचा लेते थे। इतने समय में आम लोग लॉगिन भी नहीं कर पाते हैं। इसका फायदा इस गिरोह को टिकट लेने में भी मिलता था और आधे से ज्यादा टिकट गिरोह ले उड़ता था। इस सॉफ्टवेयर की मदद से एक ही कंप्यूटर पर 500 अलग-अलग आईपी अड्रेस जेनरेट होते थे, जिससे एक ही कंप्यूटर से कई सारे टिकट बुक हो जाते थे।बता दें कि भारत में तत्काल टिकट बुक करवा पाना काफी मुश्किल काम है। ऐसे में आम नागरिक को तत्काल टिकट के लिए एजेंट्स को हर टिकट के लिए 200 से 500 रुपये अतिरिक्त देने पड़ते थे। त्योहारों से समय में यही एक्स्ट्रा चार्ज 1000 रुपये तक भी पहुंच जाता है। Post Views: 183