ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरव्यवसायशहर और राज्य मुंबई: देह व्यापार कानून के तहत अपराध नहीं: बांबे हाईकोर्ट 27th September 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: देह व्यापार, कानून के तहत अपराध नहीं है। वयस्क महिला को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। वयस्क महिला की सहमति के बिना उसे सुधारगृह में कानून में निर्धारित समय से अधिक समय तक नहीं रखा जा सकता है।बांबे हाईकोर्ट ने वेश्यावृत्ति के आरोप के चलते सुधारगृह में रखी गई तीन युवतियों को रिहा करने का निर्देश देते हुए यह बात कही है। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि इममॉरल ट्रैफिकिंग कानून 1956 का उद्देश्य व लक्ष्य देह व्यापार को खत्म करना नहीं है। इस कानून के अंतर्गत ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है जो वेश्यावृत्ति को अपने आप में अपराध मानता हो अथवा देह व्यापार से जुडे हुए को दंडित करता हो। इस कानून के तहत सिर्फ व्यवसायिक उद्देश्य के लिए यौन शोषण करने व सार्वजनिक जगह पर अशोभनीय हरकत को दंडित माना गया है। न्यायमूर्ती ने स्पष्ट किया है कि संविधान के तहत हर किसी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने व अपनी पसंद की जगह रहने का अधिकार है। यह बात कहते हुए न्यायमूर्ति ने वेश्यावृत्ति से छुड़ाई गई 20, 22 व 23 साल की तीन युवतियों को सुधारगृह से छोड़ने का निर्देश दिया।बता दें कि मुंबई पुलिस की समाज सेवा शाखा ने सितंबर 2019 में तीनों युवतियों को छुड़ाया था। इसके बाद मैजिस्ट्रेट ने प्रोबेशन अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें सुधारगृह में भेज दिया था। कोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों को देखने के बाद इन तीनों युवतियों को इनकी माताओं को सौपने से भी इंकार कर दिया था और इन्हें प्रशिक्षण के लिए उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया था। निचली अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया था कि ये तीनों युवतिया ऐसे समुदाय से हैं जहां देह व्यापार इनकी वर्षों पुरानी पंरपरा है।निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ तीनों युवतियों ने अधिवक्ता अशोक सरावगी के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि तीनों युवतिया वयस्क हैं। उन्हें अपनी पसंद की जगह रहने व पेशा चुनने का अधिकार है। न्यायमूर्ति ने कहा कि इन तीनों युवतियों को हिरासत में भेजने से पहले युवतियों की इच्छा को जानना चाहिए था। ऐसा प्रतीत होता है कि मैजिस्ट्रेट इस बात से प्रभावित हो गए कि तीनों युवतिया ऐसे समुदाय से जिसमें वेश्यावृत्ति एक पुरानी परंपरा है। इस तरह से न्यायमूर्ति ने निचली अदालत के दोनों आदेश को निरस्त कर दिया और तीनों युवतियों को सुधारगृह से मुक्त करने का निर्देश दिया। Post Views: 187