ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई पुलिस का फैसला-‘Free kashmir’ का पोस्टर लहराने वाली महिला के खिलाफ बंद होगा केस 29th December 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: मुंबई पुलिस ने इस साल की शुरुआत में CAA/NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाली महिला पर लगा केस बंद करने का फैसला किया है। महक मिर्ज़ा प्रभु नाम की इस महिला पर सीएए प्रदर्शन के दौरान मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के बाहर ‘Free kashmir’ का पोस्टर लहराने का आरोप था। इस संबंध में मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ था।मिली जानकारी के अनुसार, आज मुंबई पुलिस ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट (C समरी) फ़ाइल की है। सामान्य शब्दों में कहें तो साक्ष्यों के अभाव में पुलिस ने यह केस बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में महक मिर्जा के खिलाफ दो समुदायों में भावना भड़काने का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन साल भर के भीतर ही पुलिस ने इस मामले में बैकफुट पर आते हुए केस वापस ले लिया है।महक मिर्जा प्रभु मुंबई की रहने वाली हैं। महक एक कहानीकार (स्टोरीटेलर) हैं। वह छोटी काल्पनिक कहानियां गढ़ती हैं और लोगों को उन कहानियों को सुनाती हैं। कहानीकार के साथ ही साथ महक ब्लॉगर और लेखक भी हैं। 2018 में महक का वीडियो ‘अम्मी का मोबाइल फोन’ भी सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया गया था। ‘फ्री कश्मीर’ का प्लेकार्ड दिखाने के बाद महक मिर्जा प्रभु ने स्पष्टीकरण देते हुए एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में लड़की कह रही है, ‘मेरा नाम महक है। मैं मुंबई में रहती हूं और मैं लेखक हूं। ‘फ्री कश्मीर’ पोस्टर पर मैंने कई प्रतिक्रियाएं देखी हैं। इस प्लेकार्ड की गलत व्याख्या की जा रही है। मैं सात बजे के करीब गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंची। हम जेएनयू के छात्रों के समर्थन में नारे लगा रहा थे। मैनें देखा कि कुछ लोग प्लेकार्ड बना रहे हैं। वहां पर एनआरसी, सीएए और हर विषय पर प्लेकार्ड बन रहे थे। वहां पर एक प्लेकार्ड था जिस पर ‘फ्री कश्मीर’ लिखा था। मैं कश्मीरी नहीं हूं। मैं मराठी हूं लेकिन प्लेकार्ड को लेकर जो बातें कहीं जा रही हैं वे पूरी तरह से गलत हैं।’ Post Views: 180