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महाराष्ट्र संपूर्ण लॉकडाउन?: 24 घंटे में मिले 40 हजार केस! CM उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों को दिए निर्देश

मुंबई: महाराष्ट्र में धारा 144 से काम नहीं चलने वाला। कर्फ्यू से भी कुछ नहीं होने वाला। अब लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है। ये कहना है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का। रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि अगले एक या दो दिन में महाराष्ट्र में टोटल लॉकडाउन लगा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं और अस्पतालों में बेड की संख्या, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी मांगी है।
बता दें कि महाराष्ट्र राज्य में कोरोना महामारी का संक्रमण बेकाबू हो चुका है। राज्य में बीते रविवार को 40 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, 7 दिनों के भीतर 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना के बढ़ते केस ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसलिए महाराष्ट्र में एक बार फिर से लॉकडाउन की तैयारी की जा रही है। कोरोना पर बनी टास्क फोर्स ने लॉकडाउन की सिफारिश भी कर दी है। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से कहा कि तुरंत लॉकडाउन की स्ट्रैटजी बनाएं।
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना ने सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। रविवार को यहां 40,414 नए केस सामने आए। यह एक दिन में मिले संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 26 मार्च को 36,902 मामले आए थे। बीते दिन राज्य में 108 लोगों की मौत भी हुई, इसमें से 58 मौतें नागपुर में हुई हैं।

मंत्रालय और सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयों में प्रवेश पर रोक
सीएम उद्धव ठाकरे ने मंत्रालय और सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयों में आंगतुकों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को लॉकडाउन लगाने के लिए तैयारी करने के स्पष्ट आदेश भी दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी कार्यालयों और आस्थापना में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति का आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो लॉकडाउन की तैयारी करें। रविवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कोरोना के बढ़ते मामले के मद्देनजर प्रदेश की स्थिति को लेकर बैठक हुई। बैठक में टास्क फोर्स ने स्वास्थ्य सुविधा कम पड़ने के कारण मौत की संख्या बढ़ने का डर जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की गंभीर परिस्थिति में अर्थव्यवस्था को शुरू रखने का प्रयास है लेकिन कई घटक कोरोना को लेकर अब भी गंभीर नज़र नहीं आ रहे हैं। निजी कार्यालयों में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। विवाह-समारोह नियमों का उल्लंघन करके शुरू है। बाजार में समाजिक दूरी और मास्क का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। आखिर सरकार की प्राथमिकता लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा है। इसलिए नियमों का कड़ाई से पालन कराएं अन्यथा लॉकडाउन लागू करना पड़ेगा। मुख्य सचिव यह समझकर अनाज की आपूर्ति, दवाई और अत्यावश्यक सेवा, चिकित्सा सुविधा की तैयारी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केवल मुंबई और पुणे तक जोर देने के बजाय सभी जगहों पर प्रबंध किया जाए। ग्रामीण इलाकों के जिन शहरों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं वहां पास के शहर अथवा परिसर में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन 80 प्रतिशत चिकित्सा और 20 प्रतिशत अन्य कामों के लिए होना चाहिए। उन्होंने ई आईसीयू के सुलभता से इस्तेमाल के लिए कदम उठाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं।

हम लॉकडाउन की दिशा की ओर बढ़ रहे- टोपे
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम लॉकडाउन की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। बैठक में लॉकडाउन लगाने से होने वाले आर्थिक परिमाण के बारे में भी चर्चा हुई है। लॉकडाउन लागू होने पर पिछले साल मजदूरों का पलायन हुआ था। लेकिन इस बार पलायन की स्थिति नहीं आने दी जाएगी। उद्योग और रोजगार की व्यवस्था शुरू रहेगी। टोपे ने कहा कि कई जिलों में जिलाधिकारी अपने-अपने स्तर पर फैसला लेकर लॉकडाउन लगा रहे हैं। लेकिन अब जिले में लॉकडाउन लगाने के लिए मुख्य सचिव की मंजूरी लेनी होगी। टोपे ने कहा कि यदि नियमों और पाबंदियों का पालन हुआ तो हम लोग लॉकडाउन को टाल भी सकते हैं।

बढ़ सकती है मौत की संख्या
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने कहा कि राज्य के कई जिलों में नई मिल रहे मरीजों की तुलना में स्वास्थ्य सुविधाएं कम पड़ रही है। कोरोना का प्रसार बढ़ने के कारण उसी प्रमाण में मृत्यु की संख्या बढ़ सकती है।

बैठक में लिए गए अहम् फैसले

  • राज्य में मर्यादित दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने को लेकर मदद व पुनर्वसन के प्रधान सचिव तैयार करेंगे। इसके नियोजन बद्ध तरीके से लॉकडाउन को लागू किया जा सके।
  • ऑक्सीजन भरपूर उपलब्ध कराएं।
  • होम कोरेंटाइन के बजाय संस्थात्मक कोरेंटाइन पर जोर दिया जाएगा।
  • कोरोना के कारण मृत्यु बढ़ सकती है। इसलिए आईसीयूय, वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
  • प्रशिक्षित मानव संसाधन के लिए डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी।
  • बुजुर्ग और अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • विभिन्न बीमारियों से ग्रसित कर्मचारियों को घर से काम की अनुमति दी जाएगी।

महाराष्ट्र में कोरोना केस की स्थिति
22 मार्च 24,645 केस
23 मार्च 28,699 केस
24 मार्च 31,855 केस
25 मार्च 35,952 केस
26 मार्च 36,902 केस
27 मार्च 35,726 केस
28 मार्च 40,414 केस