ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य पूर्व सीपी परमबीर सिंह को हाईकोर्ट से राहत: SC/ST केस में गिरफ्तारी पर 9 जून तक रोक 24th May 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को SC/ST एक्ट के तहत दर्ज मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पुलिस को सोमवार को निर्देश दिया कि वह SC/ST (Atrocities Act) कानून के तहत दर्ज मामले में मुंबई पुलिस के आयुक्त रह चुके परमबीर सिंह को 9 जून तक गिरफ्तार न करें। इससे पहले परमबीर को इसी मामले में 23 मई तक राहत मिली थी। बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और मामले की CBI से जांच कराने का अनुरोध किया था। न्यायूमर्ति एस. जे कथावाला और न्यायमूर्ति एस.पी तावड़े की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने FIR की टाइमिंग पर उठाया था सवाल इससे पहले शुक्रवार (21 मई) को हुई सुनवाई के दौरान परमबीर के वकील ने दलील दी थी कि पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके कारण उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन सरकार ने कहा कि शिकायत में अपराध का खुलासा हुआ था, जिसके कारण FIR दर्ज की गई। उस दौरान, पीठ ने FIR दर्ज किए जाने के समय पर भी सवाल उठाया था। इसके बाद सुनवाई को आज के लिए स्थगित करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 23 मई तक रोक लगा दी थी। इससे पहले मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे ने गुरुवार (20 मई) को हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा था कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ अत्याचार कानून के तहत प्राथमिकी उन पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देखमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए दर्ज नहीं की गई। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश वकील डेरियस खंबाटा ने परमबीर की याचिका का विरोध करते हुए कहा, SC/ST एक्ट के तहत ये बेहद गंभीर मामला है। मैं ये नहीं कह रहा कि उन्हें रातों-रात गिरफ्तार कर लिया जाएगा लेकिन मैं जांच में किसी तरह दिक्कत नहीं चाहता। परमबीर सिंह ने बिना कोर्ट को बताए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। परमबीर के वकील ने बदले की कार्रवाई का लगाया आरोप इस पर सिंह की तरफ से पेश वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि पिछली सुनवाई के वक्त सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर नहीं की गई थी और वहां याचिका लगाने के बाद ये पहली सुनवाई है। महेश जेठमलानी ने महाराष्ट्र सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, क्योंकि परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए थे, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वरिष्ठ वकील जेठमलानी ने कहा, परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद प्रतिशोध तेज हो गए। ये सब एक अपराध को छिपाने के लिए हो रहा है। परमबीर सिंह अनिल देशमुख के खिलाफ चल रही CBI जांच में गवाह हैं। राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई CBI जांच को रोकना चाहती है। अकोला में परमबीर के खिलाफ दर्ज हुई थी ZERO FIR अकोला के पुलिस निरीक्षक भीमराव घड़गे ने परमबीर सिंह, डीसीपी पराग मनेरे समेत 33 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अकोला की शहर कोतवाली में केस दर्ज करवाया था। पुलिसकर्मियों पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, साक्ष्यों को नष्ट करने संबंधी विभिन्न धाराओं तथा अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 की धाराओं के तहत जीरो FIR हुई थी। 20 मई को यह केस ठाणे ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस निरीक्षक भीमराव घड़गे ने अपनी शिकायत में सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए हैं। ये सभी आरोप उस वक्त के हैं जब मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ठाणे पुलिस में तैनात थे। 2015 से 2018 के दौरान ठाणे पुलिस कमिश्नरी में तैनात रहे घड़गे ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यकाल के दौरान सिंह के नेतृत्व में काम करने वाले कई अधिकारी भ्रष्टाचार के कृत्यों में लिप्त रहे। उन्होंने यह भी दावा किया कि परमबीर ने कुछ लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र नहीं दाखिल करने को भी कहा था जिनके खिलाफ FIR दर्ज थी। घड़गे ने यह भी आरोप लगाया है कि सिंह के निर्देशों को मानने से इंकार करने के बाद उनके खिलाफ पांच FIR दर्ज की गईं और उन्हें निलंबित कर दिया गया। Post Views: 204