ठाणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर मुंबई में साइबर गैंग का भंडाफोड़: 12वीं पास मास्टरमाइंड हर दिन कमाता था पांच करोड़ रुपये! 3rd May 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: मुंबई पुलिस ने पुलिस अधिकारी बन देशभर के लोगों से ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस ने इस गिरोह के सरगना श्रीनिवास राव डाडी (49) को भी गिरफ्तार कर लिया है, जो 12वीं पास है और अपने खाते से रोजाना 5 करोड़ रुपये से अधिक रकम का लेन-देन करता था। अधिकारी के अनुसार, श्रीनिवास 12वीं कक्षा तक ही पढ़ा होने के बावजूद भी तकनीकी जानकार है। उन्होंने बताया कि बांगुर नगर पुलिस की एक टीम ने श्रीनिवास को हैदराबाद के एक आलीशान होटल से हिरासत में लिया। श्रीनिवास के साथ पुलिस ने उसके गिरोह के चार और सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो पड़ोसी शहर ठाणे और दो अन्य कोलकाता के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि श्रीनिवास रियल एस्टेट कारोबार चलाने की आड़ में यह काम करता था और सिर्फ टेलीग्राम ऐप के जरिये संवाद करता था। अधिकारी के मुताबिक, पुलिस ने अभी तक श्रीनिवास के 40 बैंक खाते फ्रीज किए हैं और उसके पास से डेढ़ करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। साइबर अपराधियों के कामकाज के तौर तरीकों के बारे में अधिकारी ने कहा कि श्रीनिवास और उसके साथी पुलिसकर्मी बनकर लोगों, अधिकतर महिलाओं को कॉल करते थे और उनसे कहते थे कि अधिकारियों को उनके नाम से भेजे गए कूरियर में हथियार या मादक पदार्थ मिले हैं। अधिकारी के अनुसार, इसके बाद वे लोगों से यह कहते हुए उनके बैंक खाते या आयकर संबंधी विवरण मांगते थे कि ये डेटा इस बात की पुष्टि करने के लिए जरूरी है कि उक्त कूरियर उनके द्वारा नहीं भेजा गया है। पुलिस उपायुक्त (जोन-11) अजय कुमार बंसल ने कहा कि ज्यादातर लोग फोन कॉल से डर जाते थे और अपने बैंक खाते या आयकर से संबंधित विवरण साझा कर देते थे। उन्होंने बताया कि पीड़ित वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी साझा कर देते थे और कुछ मामलों में तो एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करके जालसाजों को अपने फोन तक पहुंच भी प्रदान कर देते थे। बंसल के अनुसार, अहम जानकारियां जुटाने के बाद जालसाल पीड़ित के बैंक खाते से जमा रकम उड़ा लेते थे। उन्होंने बताया कि श्रीनिवास और उसके गिरोह ने इस हथकंडे का इस्तेमाल कर देशभर में हजारों लोगों के साथ ठगी की। गिरोह द्वारा उड़ाई गई सारी रकम श्रीनिवास के खाते में जाती थी। श्रीनिवास के खाते से रोजाना 5 से 10 करोड़ रुपये का लेन-देन होता था। बंसल के अनुसार, श्रीनिवास ठगी की रकम को क्रिप्टो मुद्रा में तब्दील कर एक चीनी नागरिक के पास स्थानांतरित कर देता था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस की टीमें दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में है। इस गिरोह के खिलाफ पुणे, दिल्ली, बेंगलुरु, एनसीआर, मुंबई साइबर व पिंपरी-चिंचवड आदि जगहों पर केस दर्ज हैं। इस मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं। Post Views: 143