ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: लॉकडाउन के बीच कमाठीपुरा की सेक्स वर्कर बोली- इतने बम फटे, अटैक हुए, कितना बीमारी आया लेकिन कभी नहीं हुए ऐसे हालात! 30th March 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: मुंबई में देह व्यापार के लिए बदनाम एरिया कमाठीपुरा की गलियां कोरोना वायरस के कारण वीरान पड़ी हुई हैं और वहां बतौर सैक्स वर्कर काम करने वाली हजारों महिलाओं के लिए हालात भयावह बनते जा रहे हैं। लगातार आठवां दिन है जब सेक्स वर्कर सोनी (49) के पास एक भी ग्राहक नहीं आया है। नेपाल की रहने वाली सोनी पिछले 25 साल से देह व्यापार के धंधे में है। उसने ‘मुंबइया शैली की हिंदी में कहा, ”पूरा जिंदगी इधर निकाला, इतना बम फटा, अटैक हुआ, कितना बीमारी आया लेकिन ऐसा हालत कभी नहीं था।”उसने पिछले रविवार से एक भी रुपया नहीं कमाया है और अगले कुछ दिनों में उसे हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। उसने कहा, अगर यह चलता रहा तो मैं क्या खाऊंगी, मैं मकान मालिक को किराया कैसे दूंगी? सोनी के अलावा उसके साथ कमरे में तीन और महिलाएं रहती हैं और वे सामान्य दिनों में दो से तीन हजार रुपये कमा लेती थीं। गौरतलब है कि एक दौर में कमाठीपुरा देश में वेश्यावृत्ति का अड्डा था। विभिन्न आयु वर्ग की महिलाएं यहां देह व्यापार में शामिल हैं। इनमें से कई को तस्करी के जरिए पश्चिम बंगाल, नेपाल तथा बांग्लादेश से यहां लाया गया। आम दिनों में यह इलाका गुलजार रहता था और खासतौर से रात के समय तो पूरा बाजार अलग ही रौशनी में नहाया रहता था। लेकिन आज कल कमाठीपुरा की सड़कें सुनसान पड़ी है।सेक्स वर्कर जया भी इस बात को लेकर चिंतित है कि वह इस मुश्किल समय में कैसे जीवनयापन कर पाएगी। वह पश्चिम बंगाल से है और उसे जबरन वेश्यावृत्ति में धकेला गया। उसका छह साल का बेटा है जिसे वह पुणे में अपने एक परिचित के यहां रखती है ताकि वह स्कूल जा सके और पढ़ाई कर सके। उसने कहा, हर महीने मुझे अपने बच्चे के लिए कम से कम 1500 रुपये भेजने होते हैं लेकिन अगर मैं कमाऊंगी नहीं तो उसके लिए कैसे पैसे भेज पाऊंगी? इस माहौल में मुझे बहुत चिंता हो गई है। एक अन्य महिला किरण ने कहा, आप मोदी (प्रधानमंत्री) से हमें पैसे भेजने के लिए क्यों नहीं कहते क्योंकि हमारे ऊपर भी बूढ़े माता-पिता और बच्चों की देखभाल करने की जिम्मेदारी है।ग्रांट रोड पर केनेडी ब्रिज के पास स्थित मुंबई संगीत कला मंडल में भी ऐसे ही हालात हैं जहां वेश्याएं अपने अमीर ग्राहकों के लिए ‘मुजरा’ करती हैं। यहां भी विरानी छायी है। औरतें अपने कमरों के बाहर बैठी हैं…चेहरों पर उदासी है। इस इलाके से गुजरते हुए कहीं खिड़की से एक गाने की आवाज सुनाई दी ”आजा तेरी याद आई…”1970 की फिल्म ‘चरस’ का ये हिट गाना आज के मौजूदा हालात को एकदम सही बयान करता है! Post Views: 247