दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: शब-ए-बारात’ पर घर पर ही रहें मुसलमान, आंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम भी टालें: पवार 2nd April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर गुरुवार को मुस्लिम समुदाय से शब-ए-बारात पर घरों में रहकर इबादत करने का आग्रह किया। साथ में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों को भी स्थगित करने का अनुरोध किया। पवार ने कहा कि गुरुवार को मनाई जा रही रामनवमी पूरे देश में हर साल धूमधाम से मनाई जाती है।पवार ने फेसबुक के जरिए किए गए संबोधन में कहा- दुर्भाग्य से, इस साल कोरोना वायरस का खतरा है और हमें कुछ पाबंदियों का पालन करना है लेकिन मुझे यकीन है कि लोग अपने घरों के अंदर भगवान राम को याद कर रहे होंगे।वरिष्ठ नेता शरद पवार ने दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम पर कहा, यह कार्यक्रम करने से बचना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और शायद इसकी कीमत दूसरों को चुकानी पड़े।उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है कि कार्यक्रम में शामिल कुछ लोग संक्रमित हो सकते हैं। उन्होंने कोविड-19 की वजह से उपजी स्थिति को देखते हुए अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया। पवार ने कहा कि शब-ए-बारात (मगफिरत या गुनाहों की माफी की रात) 8 अप्रैल को है। इस रात को मुसलमान दुनिया से जा चुके अपने रिश्तेदारों को याद करते हैं और कब्रिस्तान जाते हैं। यह घर में रहकर मनाना चाहिए। निजामुद्दीन जैसी घटना ना हो, इसके लिए एहतियात बरतनी चाहिए। आंबेडकर जयंती के कार्यक्रम भी टालेंः पवारसंविधान निर्माता आंबेडकर की 14 अप्रैल को मनाई जाने वाली जयंती पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को आंबेडकर जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों को टालने पर विचार करना चाहिए। पवार ने कहा, हम सामान्य तौर पर इसे (जयंती को) दो या तीन महीने मनाते हैं। हमें सोचना चाहिए कि हमें क्या वाकई इस मौके (कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए) पर इस कार्यक्रम को मनाना चाहिए? उन्होंने कहा कि अगर हम एक साथ जुटे तो हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र में कोरोना के 335 केस पवार ने बताया कि सामान्य तौर पर, 90 प्रतिशत लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, लेकिन 10 प्रतिशत लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। पवार ने कहा कि 14 अप्रैल (लॉकडाउन लागू रहने की तारीख) तक अनुशासन का पालन नहीं किया गया तो केंद्र और महाराष्ट्र सरकार इस बंद को आगे बढ़ा सकती है। बता दें कि महाराष्ट्र भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य है। यहां अभी तक 335 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 42 रिकवर हुए हैं और 13 की मौत हो गई है। Post Views: 214