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मुरादनगर श्मशान घाट हादसा: 23 लोगों की मौत! कई घायल, 2 महीने पहले ही बना था घाट का बरामदा, 50 लाख का टेंडर लेने वाला ठेकेदार फरार

गाजियाबाद: गाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट पर हुए दर्दनाक हादसे में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है! 15 लोगों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है जिनमें 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह श्‍मशान घाट बेहद दयनीय हालत में था। इसका जीर्णोद्धार कराए जाने के लिए 50 लाख रुपये का टेंडर अजय त्यागी नाम के ठेकेदार को दिया गया था। जिस बरामदे का लिंटर भरभरा कर गिरा है, वह बरामदा भी इसी टेंडर के तहत 2 महीने पहले ही बना था। हादसे के बाद ठेकेदार फरार बताया जा रहा है। हादसे की जानकारी मिलते ही गाजियाबाद पुलिस और रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम घटनास्थल पहुंच गई और राहत और बचाव कार्य शुरू किया। अब तक 38 लोग मलबे से निकाले जा चुके हैं। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा- उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे की खबर से अत्यंत दु:ख पहुंचा है। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में तत्परता से जुटी है। इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। राष्ट्रपति ने कहा- मुरादनगर, गाजियाबाद स्थित श्मशान में छत गिरने की घटना अत्यन्त दुखद है I मृतकों के परिवार जन को मेरी शोक संवेदनाएं! मैं प्रार्थना करता हूं कि इस दुर्घटना में आहत लोग शीघ्र स्वस्थ होंI

वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि मंडल आयुक्त मेरठ और आईजी रेंज को मौके पर जाकर घटना की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को प्रदेश सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा।

कैसे हुआ यह हादसा?
ये हादसा उस वक्त हुआ जब मुरादनगर के फल कारोबारी जयराम के रिश्तेदार उनका अंतिम संस्कार करने आए थे। इस दौरान लगातार हो रही बारिश की वजह से 40 से अधिक लोग गेट से सटी गैलरी में खड़े थे। इसी दौरान यह हादसा हो गया। तस्वीरों से पता चल रहा है कि लेंटर का साइज काफी बड़ा है। इस वजह से पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए क्रेन बुलाया है ढाई माह पहले ही यहां गैलरी बनाई गई थी। लोगों का आरोप है कि गैलरी बनाने में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ था।
मौके पर मौजूद जयराम के पोते देवेंद्र ने बताया कि उसके दादा का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। बाकी लोग दूर खड़े होकर देख रहे थे। इसी दौरान छत गिर गई। इससे वहां खड़े सभी लोग दब गए। देवेंद्र ने बताया कि हादसे में उनके चाचा की भी मौत हो गई है। एक चचेरा भाई मलबे के नीचे दबा हुआ है। हादसे में उनके पिता भी घायल हो गए।