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मोबाइल में Aarogya Setu App रहना अनिवार्य, वरना होगी यह कार्रवाई

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण और इसके बढ़ते प्रकोप के कारण देशभर में आज से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है। इस लॉकडाउन- 3 में केंद्र सरकार ने कई सेक्टर में छूट भी दी है। हालांकि इसके साथ कई शर्तें भी लागू रहेंगी। इन शर्तों के बीच कई स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की छूट मिलेगी।
इन छूट की शर्तों के तहत केंद्र सरकार ने लोगों के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) को सबसे अनिवार्य शर्त के तौर पर शामिल किया है। ऐसे में यदि आपके मोबाइल में ये एप्लिकेशन इंस्टॉल नहीं किया तो इसे लॉकडाउन के नियमों और शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। इसलिए केंद्र सरकार ने इसे लेकर खास निर्देश जारी किए हैं।
बता दें कि आरोग्‍य सेतु मोबाइल ऐप कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बेहद उपयोगी ऐप है। ये ऐप न केवल कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी देता है, बल्कि ऐप के जरिए यह भी जानकारी मिलती है कि आपके आसपास कोई कोरोना वायरस संक्रमित मरीज तो नहीं है। इसके अलावा आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) में मौजूद कई ऐसे महत्वपूर्ण फीचर शामिल हैं जो कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जंग में कारगर साबित हो रहे हैं। लोग इन्हें पढ़कर सावधानी भी बरत रहे हैं। इसके फायदे देखकर सरकार ने लॉकडाउन-3 में आरोग्‍य सेतु मोबाइल ऐप को अनिवार्य कर दिया है। इस ऐप के उपयोग के दौरान मोबाइल लोकेशन और ब्लूटूथ मोड भी चालू रखना अनिवार्य रहेगा क्योंकि उसी स्थिति में ये ऐप सही और सटीक जानकारी देगा।

लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना से सुरक्षा और बचाव में इस ऐप की उपयोगिता को देखते हुए इसे मोबाइल में इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा। जो भी ऐसा नहीं करेगा उसे लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन का दोषी मानकर उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि नोएडा के अपर पुलिस आयुक्‍त आशुतोष द्विवेदी ने इस ऐप की अनिवार्यता को लेकर निर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि मोबाइल पर यदि आरोग्‍य सेतु ऐप नहीं हुआ तो ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्‍मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों को नियमों के उल्लंघन का दोषी मानकर उनके खिलाफ IPC की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियिम 2005 (Disaster Management Act 2005) की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जेल से लेकर जुर्माने तक का प्रावधान है।