उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य यूपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए बड़ा ब्राह्मण चेहरा तलाश रहा है भाजपा नेतृत्व, जल्द होगी नए नाम की घोषणा 12th June 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this UP भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी के शानदार प्रदर्शन का तोहफा देते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। अब नए अध्यक्ष के चयन को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि महेन्द्र नाथ पांडे की जगह उत्तर प्रदेश के ब्राह्मणों को साधे रखने के लिए पार्टी किसी अन्य बड़े ब्राह्मण चेहरे को मौका दे सकती है।यह चेहरा महेश शर्मा होंगे या पार्टी किसी अन्य नए चेहरे को मौका देगी, इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। 13-14 जून को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के विभिन्न प्रदेश अध्यक्षों और अन्य संगठन पदाधिकारियों से मुलाकात करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे कई अन्य राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नाम पर भी निर्णय लिया जा सकता है। चूंकि स्वयं अमित शाह की जगह भी किसी नए पार्टी अध्यक्ष का चयन होना है, इसलिए माना जा रहा है कि वो इन नियुक्तियों को अपने जाने से पहले पूरा कर देना चाहते हैं।दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ठाकुर समुदाय का चेहरा माना जाता है। महेंद्रनाथ पांडे के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ब्राह्मण चेहरे को भी प्रतिनिधित्व मिला हुआ था और एक संतुलन बना हुआ था, लेकिन उनके केंद्र में जाने से प्रदेश में यह जगह खाली हो गई है, इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी इस जगह पर एक बार फिर किसी ब्राह्मण चेहरे को मौका दे सकती है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए इस समय कई अन्य नामों पर भी चर्चा चल रही है। योगी मंत्रिमंडल में शामिल स्वतंत्रदेव सिंह इस दौड़ में सबसे आगे बताये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी रहते हुए उन्होंने पार्टी को बड़ी जीत हासिल कराने में सफलता पाई है, इसलिए माना जा रहा है कि उन्हें इसका ईनाम दिया जा सकता है।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में शामिल रहे मनोज सिन्हा एक कामकाजी और मिलनसार नेता के रूप में जाने जाते हैं। दिए गये काम को कड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ पूरा करना उनकी खासियत माना जाता है। यही कारण है कि गाजीपुर से चुनाव हारने के बाद भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्हें मौका दे सकती है। Post Views: 186