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मुझे सरकार गिरने की नहीं, महाराष्ट्र के लोगों की चिंता है: उद्धव ठाकरे

मुंबई: लॉकडाउन 4.0 के आखिरी दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए लॉकडाउन खोलने के नियमों और महाराष्ट्र की वर्तमान स्थितियों पर जानकारी दी। बीते कई दिनों से चल रही राजनीतिक सुगबुगाहट के बीच उद्धव ठाकरे ने रविवार शाम अपने संबोधन में कहा कि मुझे महाराष्ट्र में अपनी सरकार गिरने की नहीं, बल्कि यहां के लोगों की चिंता है।
सीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने की बात कही जा रही है। मुझे महाराष्ट्र में अपनी सरकार गिरने की कोई चिंता नहीं है। मुझे सिर्फ महाराष्ट्र और यहां के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता है। उद्धव ने कहा कि इस संकट काल मे महाराष्ट्र को भी बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, ये बिल्कुल ही गलत है।

संबोधन की शुरुआत में उद्धव ठाकरे ने कहा- मैं आज पीयूष गोयल जी को धन्यवाद देता हूं। पिछली बार जब मैंने आपको संबोधित किया तो उसके बाद ही महाराष्ट्र के लोगों को ट्रेन मिली, जिनकी मदद से 11 लाख मजदूर घर पहुंचे। अब तक 16 लाख से ज्यादा मजदूरों को हमने उनके राज्यों मे छोड़ा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने 90 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। लोगों को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि आज 31 मई यानी ये लॉकडाउन 4.0 का आखिरी दिन है। लॉकडाउन करना जीवन का अभी एक भाग हो गया है और लॉकडाउन कैसे खोलना है, ये जीवन का दूसरा भाग है। जल्दबाजी करके हम केले के छिलके पर पैर ना रखें, हमें इसका ध्यान रखना होगा।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में कई बार ये बातें सुनने को आ रही थीं कि हमारे पास बेड नहीं हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रदेश में अभी कोरोना के इलाज के लिए ढाई लाख बेड्स का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा 25 हजार ऑक्सीजन बेड भी मौजूद है, जिनपर मरीजों का इलाज हो सकता है। उद्धव ने कहा कि हमारा एक कार्यकर्ता आखिरी समय पर इलाज के लिए गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। कोरोना का सही समय पर इलाज हो तो लोग ठीक हो सकते हैं। लेकिन आखिरी समय पर आने पर इलाज नहीं हो सकता। यही वजह है की जिन लोगों की मौत हुई है उनमें ज्यादा लोग वही थे जो कि अंतिम समय पर आए।

उद्धव ने की शिक्षा पर मन की बात
उद्धव ने कहा कि कॉलेज और स्कूल शुरू होंगे या नहीं और आगे की परीस्थितियां क्या होंगी इसकी चिंता पूरे राज्य के लोगों को है। सभी का कहना है अभी तुरंत परीक्षा लेना मुश्किल है, इसलिये अंतिम साल की सभी परीक्षाओं का हल निकल गया है। हमने फैसला किया है कि पिछले सेमेस्टर को देखते हुये विद्यार्थियों को नंबर दे दिए जाएं। इसके अलावा ‘मिशन अगेन’ के तहत हमने स्कूल शुरू करने से पहले शिक्षा को शुरू करने का फैसला किया है। उद्धव ने कहा कि हम ग्रामीण भागों में स्कूलों को खोलने पर विचार कर रहे हैं, वहीं शहरी हिस्से में अभी ऑनलाइन शिक्षा देने पर ही जोर दिया जा रहा है।

कोरोना के मामले में महाराष्‍ट्र की हालत दयनीय
बता दें कि देशभर में कोरोना के मामले महाराष्‍ट्र में सबसे ज्‍यादा पाए गए हैं। इस समय राज्‍य में करीब 64,168 कोरोना पॉजिटिव हैं। राज्य में 2,197 मरीजों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है जबकि 28,081 मरीज इलाज के बाद महामारी से उबर चुके हैं। फिलहाल राज्‍य में 3,169 कंटेनमेंट जोन हैं जबकि 5 लाख, 51 हजार, 660 लोग होम क्‍वारंटीन हैं, वहीं 72,681 संस्‍थागत क्‍वारंटीन में हैं। अकेले मुंबई में ही 38,442 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। महानगर में कोरोना से 1,227 लोगों की मौत हो चुकी है।