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यूपी विधानसभा के लिए केशव मौर्य समेत सभी 13 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। इन 13 निर्विरोध एमएलसी में यूपी सरकार के 7 मंत्री शामिल हैं। जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी चुने गए हैं। वैसे भाजपा के 9 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इसके अतिरिक्त समाजवादी पार्टी (सपा) के 4 उम्मीदवारों ने भी अपना स्थान पक्का किया।
विधान परिषद की 13 सीटें छह जुलाई को रिक्त होने वाली हैं। चुनाव में सोमवार को नाम वापसी की अंतिम समय सीमा बीत जाने के बाद इसकी घोषणा की गई। उत्तर प्रदेश में कुल 100 विधान परिषद सीटें है। विधान परिषद के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों ने प्रमाण पत्र ले लिया है।
दरअसल, विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव के लिए प्रक्रिया 2 जून से शुरू हुई। 9 जून को अंतिम तारीख तक निर्धारित सीटों के लिए 13 ही नामांकन दाखिल किए गए थे। 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच में सभी नामांकन वैध पाए गए। सोमवार को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। दोपहर 3 बजे तक की समय सीमा बीतने के बाद नियमानुसार चुनाव की स्थिति न बनने पर सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। निर्वाचन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने इसका औपचारिक ऐलान कर दिया।

भाजपा के सात मंत्री बने थे उम्मीदवार
यूपी विधान परिषद की 13 रिक्त सीटों के लिए भाजपा ने योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अन्य 6 मंत्रियों को प्रत्याशी बनाया। भूपेन्द्र चौधरी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कार्यकाल 6 जुलाई तक था तो वहीं 5 ऐसे मंत्री थे जिनको पहले मंत्री बनाया गया, पर वह न तो उच्च सदन और न ही विधानसभा के सदस्य थे।

भाजपा के निर्वाचित सदस्य
यूपी विधान परिषद में भाजपा के 9 निर्विरोध निर्वाचित सदस्यों में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित जेपीएस राठौर, दानिश आजाद अंसारी, दयाशंकर मिश्रा दयालु, नरेंद्र कश्यप, जसवंत सैनी, चौधरी भूपेंद्र सिंह, मुकेश शर्मा और बनवारी लाल दोहरे हैं।

सपा के निर्वाचित सदस्य
समाजवादी पार्टी से स्वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज़ खान विधान परिषद के नए सदस्य निर्वाचित हुए। परन्तु प्रत्याशियों को लेकर सपा गठबंधन में नाराजगी खुलकर आई। अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य, करहल सीट छोड़ने वाले सोबरन सिंह यादव के पुत्र मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज़ खान को प्रत्याशी बनाया था। इस पर सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा और महान दल ने विरोध भी किया।