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रंजीत सिंह मर्डर केस: राम रहीम समेत पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा

पंचकूला: पंचकूला की विशेष अदालत ने बहुचर्चित रंजीत सिंह हत्‍याकांड में डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित पांच दा‍ेषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही गुरमीत राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उसे जुर्माने की 50 प्रतिशत राशि अभी अदा करनी होगी। बाकी दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गुरमीत पर लगाए गए जुर्माने की आधी राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी।
जज ने शाम करीब साढ़े चार बजे सजा का ऐलान किया। अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद वकीलों ने मीडिया को इसके बारे में जानकारी दी। रंजीत सिंह के पुत्र जगसीर सिंह ने फैसले को पर संतोष जताते हुए इसे सराहनीय बताया। सीबीआई ने गुरमीत राम रहीम को फांसी की सजा देने के मांग की थी, लेकिन अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। दूसरी ओर, गुरमीत राम रहीम के वकील अजय वर्मन ने कहा कि वह इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
इससे पहले जज कोर्ट रूम में पहुंचे और दोषियों को भी कोर्ट रूम में बुला लिया गया। इससे पहले सजा को लेकर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। सीबीआई के वकील ने गुरमीत राम रहीम को फांसी की सजा सुनाने की मांग की। कोर्ट रूम के बाहर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई और भारी संख्‍या में पुलिसकर्मी व अर्द्ध सुरक्षा बलों के जवान तैनात कर दिए गए। सजा के ऐलान से पहले हरियाणा के पंचकूला जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए धारा-144 लागू कर दी गई।

बता दें कि राम रहीम व अन्य को साल 2002 में पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में 8 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था। पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की दस जुलाई 2002 में गोली मारकर हत्या की गई थी। पंचकूला में CBI की विशेष अदालत ने बीते आठ अक्टूबर को गुरमीत सिंह सहित तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार सिंह, जसबीर और सबदिल को दोषी करार दिया था। सजा का फैसला 12 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन अदालत ने इसे 18 अक्टूबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अदालत ने इससे पहले गुरमीत राम रहीम सिंह सहित पांच लोगों को दोषी करार दिया था। गुरमीत राम रहीम अभी दो मामलों में रोहतक की सुना‍रिया जेल में सजा काट रहा है। अब सबकी नजर इस मामले में उसे सुनाई जानेवाली सजा पर है। उसे अदालत फांसी, उम्रकैद या कोई अन्‍य सजा सुनाएगी इसको लेकर चर्चाएं गर्म थी।

इस चिट्ठी से शुरू हुआ राम रहीम का पतन: पहले रणजीत फिर पत्रकार की ली गई जान
एक गुमनाम चिट्ठी ने राम रहीम को अर्श से फर्श पर लगा दिया। कभी शीशमहल में बाबा का डेरा रहता था लेकिन अब रोहतक की सुनारिया जेल ठिकाना है। यह गुमनाम चिट्ठी जहां राम रहीम की सजा की वजह बनी तो वहीं कई लोगों की मौत की भी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और रणजीत सिंह की हत्या की वजह भी यही चिट्ठी बनी।

आइए जानते हैं… साध्वी की वो गुमनाम चिट्ठी के बारे में…

सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री जी श्री अटल बिहारी वाजपेयी,
भारत सरकार

              विषय: डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ों लड़कियों से बलात्कार की जांच करें

श्रीमान जी,
निवेदक है कि मैं पंजाब की रहने वाली हूं और अब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा, हरियाणा (धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरे साथ यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ में डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा यौनिक शोषण (बलात्कार) किया जा रहा है।
मैं बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं जिनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी। साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्या साधु गुरुजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि आपको पिताजी ने गुफा (महाराज के रहने का स्थान) में बुलाया है।

मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी। यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं। हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। बेड पर सिरहाने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है। मैं यह सब देखकर हैरान रह गई। मुझे चक्कर आने लगे, मेरे पांव के नीचे की जमीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे? ऐसा मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। महाराज ने टीवी को बंद किया व मुझे साथ बिठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है। मेरा यह पहला दिन था। महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु को अर्पण करने को कहा था तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं।

जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है तो उन्होंने कहा-
श्रीकृष्ण भगवान थे, उनके यहां 360 गोपियां थीं जिनसे वह हर रोज प्रेम लीला करते थे फिर भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं, यह कोई नई बात नहीं है।
यह है कि हम चाहें तो इस रिवॉल्वर से तुम्हारे प्राण पखेरू उड़ाकर दाह संस्कार कर सकते हैं। तुम्हारे घरवाले इस प्रकार से हमारे पर विश्वास करते हैं व हमारे गुलाम हैं। वह हमारे से बाहर जा नहीं सकते। यह तुमको अच्छे से पता है।
यह कि हमारी सरकार में बहुत चलती है। हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री, पंजाब के केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं। राजनीतिज्ञ हमसे समर्थन लेते हैं, पैसा लेते हैं और हमारे खिलाफ कभी नहीं जाएंगे। हम तुम्हारे परिवार के नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करवा देंगे। सभी सदस्यों को अपने सेवादारों (गुंडों) से मरवा देंगे। सबूत भी नहीं छोड़ेंगे, यह तुम्हें अच्छी तरह पता है कि हमने गुंडों से पहले भी डेरे के प्रबंधक फकीर चंद को खत्म करवा दिया था जिनका अता-पता तक नहीं है, न ही कोई सबूत बकाया है, जो कि पैसे के बल पर हम राजनीतिक व पुलिस और न्याय को खरीद लेंगे।

इस तरह बाबा ने मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन मास में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है। आज मुझको पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ मुंह काला किया गया है। डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं जो शादी की उम्र से निकल चुकी हैं, जिन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। इनमें ज्यादातर लड़कियां बीए, एमए, बीएड, एमफिल पास हैं, मगर घरवालों के अंधविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं। हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख न उठाकर देखना, आदमी से 5-10 फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है। दिखाने में देवी हैं मगर हमारी हालत वेश्याओं जैसी है।
मैंने एक बार अपने परिवारवालों को बताया कि डेरे में सबकुछ ठीक नहीं है तो मेरे घर वाले गुस्से में होते हुए कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरण किया कर!
मैं मजबूर हूं, यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकतीं। घरवालों को टेलीफोन मिलाकर बात नहीं कर सकतीं। घरवालों का हमारे नाम फोन आए तो हमें बात करने का महाराज के आदेशानुसार हुक्म नहीं है। यदि कोई लड़की डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुक्म है कि उसका मुंह बंद कर दो।

पिछले दिनों बठिंडा की लड़की साधु ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने पर्दाफाश किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा, जो आज भी घर पर इस मार के कारण बिस्तर पर पड़ी है, जिसका पिता ने सेवादारों से नाम कटवाकर चुपचाप घर बैठा दिया है, जो चाहते हुए भी बदनामी और महाराज के डर से किसी को कुछ नहीं बता रही।

एक कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने अपने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था, जो कि सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है।
संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आकर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार/गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर से कुंडी लगाकर जान से मारने की धमकी दी व भविष्य में किसी से कुछ भी नहीं बताने को कहा।
इसी प्रकार कई लड़कियां जैसे कि जिला मानसा (पंजाब), फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की हैं, जो घर जाकर भी चुप हैं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है। इसी प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहबाद, हनुमानगढ़, मेरठ की कई लड़कियां जो कि डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं बोल रहीं।
अत: आपसे अनुरोध है कि इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ जान से मार दिया जाएगा अगर मैं इसमें अपना नाम-पता लिखूंगी, क्योंकि मैं चुप नहीं रह सकती और न ही मरना चाहती हूं।
जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूं। अगर आप प्रेस के माध्यम से किसी भी एजेंसी से जांच करवाएं तो डेरे में मौजूद 40-45 लड़कियां जो कि भय और डर में हैं, पूरा विश्वास दिलाने के बाद सच्चाई बताने को तैयार हैं। हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों व आपको पता चल जाएगा कि हम कुमारी देवी साधु हैं या नहीं। हमारी मेडिकल रिपोर्ट ये साफ बता देगी कि हमारी जिंदगी डेरा सच्चा सौदा के महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह जी संत के द्वारा तबाह की गई हैं।

प्रार्थी
एक निर्दोष जलालत का जीवन जीने को मजबूर (डेरा सच्चा सौदा सिरसा)

सिर्फ शक में की थी रणजीत सिंह हत्या
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राम रहीम डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है। वहीं रणजीत सिंह इसी डेरे की प्रबंधन समिति का सदस्य था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। इसी शक की वजह से रणजीत सिंह की हत्या की गई थी।

पत्रकार की भी ली थी जान
ये वही गुमनाम चिट्ठी है जिसे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र ‘पूरा सच’ में प्रकाशित किया था। जिसकी वजह से 24 अक्तूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर हमला कर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र की मौत हो गई थी। छत्रपति हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल और पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा रोहतक की सुनारिया जेल में काट रहा है।