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रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, रद ट्रेनों के टिकट रिफंड की अवधि को बढ़ाई

नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बड़ी राहत दी है। कोरोना काल में कैंसल हुई नियमित ट्रेनों के टिकट का पैसा वापस लेने की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दी गई है। रेल मंत्रालय ने कोरोना संकट के कारण पिछले वर्ष 21 मार्च से 30 जून के बीच की यात्रा के लिए रद हुई ट्रेनों के काउंटर टिकटों के रिफंड दावे की समयावधि को बढ़ा दिया है। इसके पहले मंत्रालय ने यह सुविधा बढ़ाकर छह महीने कर दिया था।

हजारों यात्रियों के टिकट अब तक कैंसल नहीं हो पाए
मंत्रालय ने बताया है कि उक्त समयावधि के दौरान यात्रा की तिथि से पीआरएस काउंटर टिकटों को नौ महीने तक आरक्षण काउंटरों पर रद करा कर रिफंड लिया जा सकेगा। पूर्व में तय छह महीने की अवधि बीतने के बाद भी कई यात्रियों ने रेलवे जोनल कार्यालयों में रिफंड के लिए टिकट और आवेदन भेजे थे। उन्हें भी पूरा रिफंड मिलेगा। मालूम हो कि गत वर्ष मार्च में लॉकडाउन घोषित किए जाने पर रेलवे ने सभी नियमित ट्रेनों का संचालन निलंबित कर दिया था। उस समय टिकट रद कराने की अवधि तीन दिन से बढ़ाकर तीन महीना करने की घोषणा की थी, जिसे मई में छह महीने तक विस्तारित किया गया। यह कदम काउंटरों पर टिकट रिफंड कराने वालों की भीड़ नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया था। 6 माह की अवधि गुजरने के बाद भी हजारों यात्रियों के टिकट अबतक कैंसल नहीं हो पाए हैं।
9 जनवरी की मध्यरात्रि रेलवे की आरक्षण और पूछताछ सेवा साढ़े तीन घंटे तक बंद रहेगी। उत्तर रेलवे मुख्यालय अपनी दिल्ली स्थित पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम को अपग्रेड करेगा। इस कारण नौ जनवरी की रात 11:45 से जनवरी तड़के 3:15 बजे तक पीआरएस से जुड़ी सभी सेवाएं बंद रहेंगी। ऐसे में करेंट काउंटर पर रिजर्वेशन व निरस्तीकरण नहीं होगा। साथ ही ट्रेनों की चार्टिग और 139 पर यात्री पूछताछ सेवाएं, आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर ई-टिकटों की बुकिंग भी बंद रहेगी।