ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रराजनीति लाउडस्पीकर विवाद: महाराष्ट्र पुलिस ने कसी कमर; राज ठाकरे की बढ़ेंगी मुश्किलें? पहले से ही जारी है गैर जमानती वारंट, किसी भी समय हो सकती है गिरफ्तारी? 3rd May 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के मामले को लेकर विवादों में घिरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. आज ईद को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है. महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ ने मंगलवार को कहा कि औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त कथित विवादित भाषण को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि 13,000 से अधिक लोगों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 149 (संज्ञेय अपराधों को रोकना) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं. रविवार को औरंगाबाद में हुई मनसे की रैली में नियमों के उल्लंघन के आरोप में राज ठाकरे और इसके आयोजकों के खिलाफ औरंगाबाद के सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है. रैली के दौरान राज ठाकरे पर 16 शर्तों में से 12 नियमों को तोड़ने का आरोप है. जिसमें भड़काऊ भाषण देने और तयसंख्या से अधिक लोगों को बुलाने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक, सिर्फ 15 हजार लोगों को सभा में मौजूद रहने की अनुमति पुलिस की ओर से दी गई थी, लेकिन एक लाख की क्षमता वाला सांस्कृतिक ग्राउंड खचाखच भरा हुआ था. राज ठाकरे के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (A)(भड़काऊ भाषण देने) के तहत केस दर्ज किया गया है. इस धारा के तहत 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. यदि यह अपराध किसी पूजा स्थल पर किया जाता है, तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ ने राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल से मुलाकात की और दोनों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. रजनीश सेठ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के भाषण की जांच कर रहे हैं और वह आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे. डीजीपी ने कहा है कि महाराष्ट्र पुलिस कानून-व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि माहौल को देखते हुए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं. डीजीपी ने कहा कि पुलिस राज्य में हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और समस्या खड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए असामाजिक तत्वों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की है. राज्य में एसआरपीएफ (राज्य रिजर्व पुलिस बल) और होमगार्ड तैनात किए गए हैं. मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. महाराष्ट्र में तानाशाही की अनुमति नहीं: अजित पवार मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को कहा था कि राज्य में तानाशाही नहीं है और यहां कानून का शासन बरकरार रहेगा. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक दिन पहले औरंगाबाद में रैली को संबोधित करते हुए तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने की मांग पर कड़ा रवैया अपनाते हुए प्रशासन और पुलिस को अंतिम चेतावनी दी थी, जिस पर अजित पवार का रुख सामने आया है. राज ठाकरे का नाम लिये बिना अजित पवार ने कहा कि लोगों को उकसाना आसान है लेकिन इसके परिणाम स्वरूप महाराष्ट्र में सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा, जिसे राज्य बर्दाश्त नहीं कर सकता. मनसे प्रमुख के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने संबंधी चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में तानाशाही की अनुमति नहीं दी जाएगी. कोई भी अंतिम चेतावनी नहीं दे सकता. यहां कानून का शासन है और कानून सभी के लिए समान है. आगे उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को कानून का पालन करना होगा. पवार ने कहा, अगर कोई व्यक्ति सोचता है चीजें उसके हिसाब से चलेंगी, तो ऐसा नहीं होगा. हर किसी को कानून एवं संविधान का पालन करना होगा. लाउडस्पीकर उतारो, नहीं तो दोगुनी आवाज़ में ‘हनुमान चालीसा’ बजायेंगे… बताते चलें कि राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा था कि वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए तीन मई की समय सीमा पर अडिग हैं और अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सभी हिंदुओं को इन धार्मिक स्थलों के बाहर दोगुनी आवाज़ में ‘हनुमान चालीसा’ बजानी चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि आज तारीख एक है, कल तारीख दो, तीन तारीख को ईद है…डेडलाइन के बाद क्या होगा, मैं उसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं. महाआरती’ नहीं करें, मुस्लिमों को ईद मनाने दें राज ठाकरे ने सोमवार को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से मंगलवार को अक्षय तृतीया पर पहले से प्रस्तावित ‘महाआरती’ नहीं करने को कहा. उन्होंने कहा कि इसी दिन मुस्लिम समाज की ‘ईद’ पड़ रही, इसलिए बिना अड़चन उन्हें ईद मनाने देनी चाहिए. राज ने कहा कि वह मस्जिदों पर लाउडस्पीकर का जो मुद्दा उठा रहे हैं, वह सामाजिक विषय है, धार्मिक प्रवृत्ति का नहीं है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को ईद मनाई जा रही है और मुस्लिम समुदाय को उनका त्योहार मनाने में कोई अड़चन नहीं आनी चाहिए. वह लाउडस्पीकर के विषय पर अपनी आगे की कार्रवाई की घोषणा सोशल मीडिया के माध्यम से करेंगे. उन्होंने ट्वीट किया- ईद कल मनाई जा रही है. मुस्लिम समुदाय को भी बिना अड़चन के त्योहार मनाना चाहिए. मैं संभाजीनगर की रैली में (औरंगाबाद में रविवार को हुई रैली) यह बात पहले ही कह चुका हूं. मैं अपने महाराष्ट्र के सैनिकों से अपील करता हूं कि अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ‘महाआरती’ नहीं करें. हम किसी धर्म के त्योहार में अवरोध या अड़चन नहीं डालना चाहते. 14 साल पुराने मामले में बढ़ सकती है राज ठाकरे की मुश्किलें मनसे प्रमुख राज ठाकरे के कुछ पुराने मामले भी खुल सकते हैं क्योंकि महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक अदालत ने राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. यह मामला भी भड़काऊ भाषण से संबंधित है. 6 अप्रैल को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को राज ठाकरे को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया है. राज ठाकरे के खिलाफ 2008 में सांगली जिले में आईपीसी की धारा 109 और 117 के तहत मामला दर्ज किया गया था. शिराला की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मुंबई पुलिस से पूछा है कि 6 अप्रैल को वारंट जारी होने के बाद भी राज ठाकरे के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? किसी भी समय गिरफ्तार किए जा सकते हैं राज ठाकरे? मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने की वजह महाराष्ट्र के परली से जुड़ा हुआ है. दरअसल, साल 2008 में मनसे कार्यकर्ताओं ने बीड के परली इलाके में राज्य परिवहन निगम की बसों पर पथराव किया था. 2008 में रेलवे भर्ती में स्थानीय भूमिपुत्रों (मराठी लोगों) को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर आंदोलन और परप्रांतीय युवाओं से हुई मारपीट के बाद कल्याण कोर्ट के आदेश पर राज ठाकरे को 2008 में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद शिराला तालुका के शेडगेवाड़ी गांव में मनसे कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में प्रोटेस्ट किया था. इस दौरान तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इसी गिरफ्तारी के विरोध में मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अंबाजोगाई में मौजूद एसटी बस को भी निशाना बनाया था. इस मामले में दर्ज किए गए मुकदमे में राज ठाकरे से अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था. लेकिन राज ठाकरे तब से लेकर अब तक एक बार भी उपस्थित नहीं हुए. लगातार तारीखों पर गैरहाजिर रहने की वजह से उनके खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. अब राज ठाकरे की मुश्किलें बढ़ती हुई नज़र आ रही है. जिसे देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि राज ठाकरे किसी भी समय गिरफ्तार किए जा सकते हैं? दो हज़ार वकीलों की फौज तैयार आने वाले दिनों में होने वाले राजनीतिक संघर्ष को भांपते हुए मनसे पार्टी ने भी तकरीबन दो हजार वकीलों की फौज तैयार कर ली है. तीन तारीख के अल्टीमेटम के बाद एमएनएस के आक्रामक होने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में अगर मनसे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर पुलिस द्वारा मामले दर्ज किए जाएंगे तो उन्हें वकील मुहैया करवाये जाएंगे. औरंगाबाद के सांस्कृतिक मंडल मैदान में रविवार को हुई राज ठाकरे की सभा के बाद कई संगठनों ने अपना विरोध दर्ज करवाया है. भड़काऊ भाषण पर पूरे देश में दर्ज होते हैं ऐसे मामले: संजय राउत जनसभा के दौरान राज ठाकरे ने जो भाषण दिया था, उसे भड़काऊ मानते हुए जिला पुलिस ने राज ठाकरे और आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद शिवसेना नेता और एक तरह से महाराष्ट्र सरकार की ओर से संजय राउत ने कहा है कि इस तरह के मामले पूरे देश में दर्ज किए जाते हैं. अगर कोई भड़काऊ भाषण देता है या ऐसा कुछ लिखता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए केस दर्ज किए जाते हैं, इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. 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