उत्तर प्रदेशदिल्लीदेश दुनियाशहर और राज्य वाराणसी: बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद विश्व बैंक में जिम्मेदारी संभालेंगी अंशुला 15th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this अंशुला कांत (फाइल फोटो) वाराणसी, शुक्रवार का दिन भारत के लिए कामयाबी का दिन रहा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एमडी अंशुला कांत को विश्व बैंक ने अहम जिम्मेदारी दी। विश्व बैंक की नई प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी बनीं बनारस की बहू अंशुला कांत पहले बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन करेंगी उसके बाद नई जिम्मेदारी संभालेंगी। अंशुला अगले महीने दर्शन के लिए काशी आ रही हैं। रथयात्रा निवासी सीए संजयकांत की पत्नी अंशुला ने बनारस में एसबीआई मुख्य शाखा सहित करीब दर्जन भर शाखाओं में 1984 से 2002 तक प्रोबेशनरी आफिसर से लेकर चीफ मैनेजर तक की जिम्मेदारियां संभाली हैं। बाद में वह एसबीआई की एमडी बनीं। 82 बैच के चार्टर्ड एकाउंटेंट पति संजयकांत के अनुसार अंशुला अगले साल रिटायर होने वाली थीं। इसके बाद बनारस में ही रहने की प्लानिंग भी हो चुकी थी। अंशुला ने तीन महीने पहले विश्व बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य वित्त अधिकारी के पद के लिए आवेदन किया था और शुक्रवार को नियुक्ति की खुशखबरी मिली। संजय के अनुसार इस पद पह पहुंचने वाली वह पहली भारतीय महिला बैंकर हैं। पत्नी की इस उपलब्धि पर संजय का गौरवान्वित हैं। उनका कहना है कि आज मैं खुद को सबसे खुशनसीब पति मान रहा हूं। अंशुला ने न सिर्फ देश का बल्कि बनारस का भी मान बढ़ाया है। अंशुला और संजय के परिवार में बेटा सिद्धार्थ बेटी नुपूर पहले से अपना करियर बना चुके हैं। सिद्धार्थ अमेरिका में एक बड़ी कंपनी में उच्च पद पर हैं और बेटी नुपूर सिंगापुर में वकील हैं। बागवानी की शौकिन अंशुला को तीन महीने के अंदर विश्व बैंक में ज्वाइन करना है। गंगा, बाबा विश्वनाथ के अलावा गंगा आरती से उनका काफी जुड़ाव है। दर्शन पूजन के अलावा बनारस घरानों के संगीत से गहरा लगाव है। यहां के संगीतकारों को खाली समय में सुनती हैं। पहनावे में शुरू से साड़ी पंसद करने वाली अंशुला तीज-त्योहार पर बनारसी साड़ी को तरजीह देती हैं। पढ़ने-लिखने की शौकीन अंशुला भले ही बैंकर हैं लेकिन उन्हें फिक्शन नॉवेल अधिक पसंद है। वो अक्सर व्यस्त दिनचर्या में से पढ़ने का मौका निकाल लेती हैं। वह रिटायर होने के बाद बनारस में ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेना चाहती हैं। उनका मानना है कि संगीत से मन को बहुत शांति मिलती है।प्रारंभिक शिक्षा रुड़की और उच्च शिक्षा दिल्ली में हुई…रुड़की यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ भरत सिंह की बेटीअंशुला शुरू से ही मेधावी रहीं। रुड़की में स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में बीए आनर्स (इकोनामिक्स) किया। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनामिक्स से एमए करने के बाद उनकी एसबीआई में 1983 में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद पर तैनाती हुई। मुरादाबाद, लखनऊ में सेवा देने के बाद अंशुला 1984 में बनारस आईं। यहां एसबीआई मुख्य शाखा के साथ ही जगतपुर, सिंधौरा बाजार सहित अन्य शाखाओं में तैनात रहीं। 2005 में सिंगापुर में एसबीआई को स्थापित करने की जिम्मेदारियों का भी अंशुला ने निर्वहन किया। Post Views: 267