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वाराणसी: 7 जुलाई से पीएम मोदी का दो दिवसीय दौरा, करेंगे 28 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जुलाई से अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 28 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, प्रधानमंत्री करीब 18 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें सुल्तानपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी का कौशल और तकनीकी सहायता केंद्र (सीएसटीसी) शामिल है।
305 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 10 परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जाएगा। इनमें मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट का सौंदर्यीकरण शामिल है। तीन रेलवे ओवरब्रिज का भी शिलान्यास किया जाएगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 10 मंजिला अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास जनता को समर्पित करेंगे।
गंगा पर जल परिवहन को गति देने के लिए अस्सी घाट, शिवाला घाट, केदार घाट, पंचगंगा घाट और राज घाट पर काम शुरू करने की नींव रखने का भी प्रस्ताव है।

घाट से लेकर मंदिरों तक का होगा पुनरुद्धार
देवाधिदेव महादेव भगवान शिव की नगरी काशी को मोक्ष दायिनी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। मान्यता है कि इसी घाट पर भगवान शिव, जीवात्मा को खुद तारक मंत्र देने आते हैं। मणिकर्णिका घाट पर शव यात्रियों के लिए आधुनिक सुगम और सुविधानुसार बनाये जाने को लेकर योगी सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है। मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास का काम सीएसआर फंड से होगा। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की ओर से भी इसे लेकर अनुमति मिल चुकी है। इसमें मणिकर्णिका कुंड, रत्नेश्वर महादेव मंदिर आदि का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। पौराणिक मान्यता वाली धार्मिक यात्रा पंचक्रोशी परिक्रमा शुरुआत और समापन भी यहीं होता है। इसके अलावा 24 घंटे शवदाह होने वाले दुनिया के एकमात्र मोक्ष स्थल को देखने के लिए पूरी दुनिया से हज़ारों पर्यटक भी रोज यहाँ आते हैं।

नागर शैली में डेवलप की जाएंगी इमारतें
देश के आइकॉनिक स्थलों में से एक महाश्मशान मणिकर्णिका पर अपने स्वजनों का अंतिम संस्कार करने पूर्वांचल समेत बिहार, छत्तीसगढ़ से लोग पहुंचते हैं। इसे देखते हुए योगी सरकार ने मणिकर्णिका घाट और आसपास के हेरिटेज भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास करने की योजना बनाई है।

जानकारी के अनुसार, मणिकर्णिका घाट से तारकेश्वर मंदिर तक की इमारत को नागर शैली में डेवलप किया जाएगा। तारकेश्वर महादेव मंदिर तक तीन मंजिला और तारकेश्वर महादेव से दत्तात्रेय पादुका तक (300 से 400 मीटर) का निर्माण होगा।

17.56 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है पूरी योजना
मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास और जीर्णोद्धार की प्लानिंग और डिजाइन कर रही प्लानर इण्डिया कंपनी के चेयरमैन श्यामलाल ने बताया कि घाट और आसपास के ऐतिहासिक भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास 17.56 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है। जिसे रूपा फाउंडेशन सीएसआर फण्ड से कराने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि मणिकर्णिका घाट मोक्ष स्थल का द्वार है और यहीं पर शव पंजीकरण कार्यालय भी बनाना प्रस्तावित है। इसके अलावा शव और शव यात्रियों के लिए शवदाह स्थल तक पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ते, शवदाह से पहले होने वाली धार्मिक रीति रिवाज आदि के लिए विशेष स्थान, शव स्नान आदि की व्यवस्था होगी। हाई फ्लड जोन से ऊपर दाह संस्कार स्थल बनेगा, यहाँ तक पहुँचने के लिए रैम्प होगा। बाढ़ के उच्चतम बिंदु से ऊपर, छत पर वीआईपी के लिए अलग से बैठने के लिए व्यवस्था होगी। घाट के पास बेतरतीब रखी लकड़ियों से शवदाह के लिए आये लोगो को काफी परेशानी होती थी। अब लकड़ी बेचने वालों के लिए व्यवस्थित प्लाजा बनेगा, जहां लकड़ियों का स्टोरेज भी किया जा सकेगा। जल यातायात द्वारा घाट तक लकड़ी लाने के लिए रैम्प का निर्माण, जन सुविधा के लिए शौचालय, पीने का पानी, प्रतीक्षालय, व्यूइंग एरिया, मणिकर्णिका के आसपास के हेरिटेज मॉर्नुमेंट्स, चक्र पुष्करणी कुंड, तारकेश्वर मंदिर, रत्नेश्वर मंदिर व दत्तात्रेय पादुका तक का भी जीर्णोद्धार होगा। इसके साथ ही वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम, इंस्टीट्यूशनल फ्रेम वर्क विद ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी भी लगाया जाएगा।

दुनियाभर से महाश्मशान को देखने आते हैं पर्यटक
बता दें कि मणिकर्णिका घाट पर सिर्फ शवदाह के लिए ही लोग नहीं आते, बल्कि विश्वभर से पर्यटक इस मोक्ष स्थली को देखने भी आते हैं। भीषण गर्मी, कड़कती ठंड, मूसलादार बारिश और तो और बाढ़ में भी यहां 24 घंटे चिताएं जलती रहती हैं। अमूमन रोज़ाना लगभग 250 से अधिक शवदाह यहां होता है। इसके साथ ही लगभग 5,000 से अधिक लोग यहां शव यात्री होते हैं। महाशिवरात्रि पर भी लगभग एक लाख श्रद्धालु पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत व समापन इसी स्थान से करते हैं। योगी सरकार अब इस पूरे क्षेत्र को बृहद् स्तर पर डेवलप करने की तैयारी में जुट गई है, जिसका शिलान्यास पीएम मोदी के हाथों हो सकता है।