दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य वित्तमंत्री निर्मला ने कहा- जॉब संकट से निपटने के लिए सरकार करेगी मदद 18th June 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें लेबर मंत्री संतोष गंगवार और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। वित्तमंत्री ने गरीब कल्याण कैंपेन के बारे में कहा कि इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में इंफ्रा और रोजगार को पैदा करने का है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के खगड़िया जिले से 20 जून को लॉन्च करेंगे।सरकार ने कहा कि इस कैंपेन को मिशन मोड के रूप में 125 दिनों को शामिल किया जाएगा, जिसमें 25 अलग अलग प्रकार के कामों को तय किया जाएगा। यह काम प्रवासी मजदूरों को दिए जाएंगे। इस कैंपेन के जरिए ग्रामीण इलाकों में 50 हजार करोड़ रुपए का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। यह 6 राज्यों के 116 जिलों में फैला होगा। इन 116 जिलों में बिहार में 32 जिलों, उत्तर प्रदेश में 31 जिलों, मध्य प्रदेश में 24 जिलों, राजस्थान में 22 जिलों, उड़ीसा में 4 जिलों, झारखंड में 3 जिलों को शामिल किया जाएगा। इससे दो तिहाई प्रवासी मजूदरों को कवर किए जाने की उम्मीद है।इस गरीब कल्याण रोजगार अभियान को 12 अलग-अलग मंत्रालय और विभागों के साथ कोआर्डिनेशन कर चलाया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से ग्रामीण डेवलपमेंट, पंचायती राज, रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे, माइंस, ड्रिंकिंग वाटर एंड सैनिटाइजेशन, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम, बॉर्डर रोड, टेलीकॉम और एग्रीकल्चर आदि का समावेश होगा। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस कैंपेन को चलाएंगी और कामगारों के स्किल मैपिंग का काम 116 जिलों में करेंगी। 25 प्रोजेक्ट्स से मिलेगा प्रवासी मजदूरों को कामनिर्मला सीतारमण ने 25 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स की पहचान की है। इसमें उन प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा जो कोरोना के कारण शहरों से वापस लौटे हैं। इसके लिए सरकार 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि जिन जिलों की पहचान की गई है, उसमें हर जिले में 25,000 प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं। 116 जिलों के गांवों को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत कॉमन सर्विस सेंटर और कृषि विज्ञान केंद्र से जोड़ा जाएगा।वित्तमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत आनेवाले समय में और जिलों को जोड़ा जा सकता है। इस अभियान के लिए जो 50 हजार करोड़ रुपए दिया जाएगा वह आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ही हिस्सा होगा।हाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने लेबर कमीशन का गठन किया था। इसके जरिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रवासी कामगारों के लिए सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है।भारत में मजदूरों की भागीदारी कोरोना महामारी के पहले जैसी स्तर पर पहुंच रही है।प्रवासी मजदूर अब फिर से अपने काम पर उसी जगह लौटने लगे हैं। दोपहर में ही सरकार ने कोर्ट में एजीआर में सरकारी कंपनियों को दी छूटवित्तमंत्री की 4 बजे होनेवाली प्रेस कांफ्रेंस से पहले ही आज दोपहर में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सरकारी कंपनियों के एजीआर बकाए को लेकर स्थिति साफ कर दी है। सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपए में से केवल 16 हजार करोड़ रुपए लेने का फैसला किया है। Post Views: 204