दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्यसामाजिक खबरें सरकार ने चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट को दी मंजूरी, इस साल अंत तक किया जाएगा लॉन्च 1st January 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this बेंगलुरु: सरकार ने चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके लिए तमिलनाडु के थुथुकुडी में नया स्पेस पोर्ट बनेगा। इस पर काम शुरू हो चुका है और संभवत: इस साल अंत तक इसे लॉन्च किया जाएगा। इसकी जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को दी। नए साल पर इसरो चीफ ने 2019 की उपलब्धियां और 2020 के टारगेट को बताया।इसरो प्रमुख ने बताया कि सरकार ने चंद्रयान-3 को मंजूरी दे दी है, परियोजना पर काम जारी है। उन्होंने कहा कि दूसरे अंतरिक्ष बंदरगाह के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू किया गया है। यह बंदरगाह तमिलनाडु के थूथुकुडी में होगा। उन्होंने बताया कि गगनयान मिशन के लिए चार लोगों को चुना गया है। सभी अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण इस महीने के तीसरे सप्ताह में शुरू होगा। साथ ही गगनयान सलाहकार समिति का गठन किया गया है। सिवन ने कहा कि हमने चंद्रयान -2 पर अच्छी प्रगति की है, भले ही हम सफलतापूर्वक लैंड नहीं कर सके, ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है, यह अगले 7 वर्षों तक डेटा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में जीपीएस सिस्टम को मान्यता देने वाली संस्था 3-जीपीपीपी ने हमारे नाविक पोजिशनिंग सिस्टम को मान्यता दे दी है। इसलिए जल्द ही देश के सभी मोबाइल में अपना पोजिशनिंग सिस्टम होगा। इसरो चीफ ने कहा कि चंद्रयान-3 एकदम चंद्रयान-2 जैसा होगा, लेकिन इस बार सिर्फ लैंडर-रोवर और प्रोपल्शन मॉडल होगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं भेजेंगे, क्योंकि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से इसमें मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि 2019 में हमने गगनयान प्रोजेक्ट पर काफी काम किया है। 2020 पूरा का पूरा गगनयान के लिए चुने गए चार एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग में जाएंगे। एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग रूस में होगी।सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर बहुत तेज गति होने की वजह से सही नेवीगेट (दिशा और रास्ता) नहीं कर पाया और इसकी वजह से हार्ड लैंडिंग हुई थी। ये गलत आरोप लगाया जा रहा है कि चंद्रयान-2 की असफलता की वजह से अन्य सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग में देरी हुई है, ऐसा नहीं है। सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए रॉकेट्स बनाने होते हैं। जैसे ही हमारे पास रॉकेट होता है हम लॉन्चिंग कर देते हैं, लेकिन मार्च तक हम वो सारे सैटेलाइट्स लॉन्च कर देंगे जो 2019 के अंत तक तय किए गए थे।गगनयान प्रोजेक्ट के शुरुआती पड़ाव के तहत अनमैन्ड (मानवरहित) मिशन इस साल करने प्लानिंग है। अगर काम पूरा होगा तो इसे पूरा करेंगे, नहीं तो अगले साल करेंगे। ये मिशन इतने आसान नहीं होते कि अचानक से कर दिए जाएं। इनके लिए बहुत तैयारी करनी होती है। जरा सी भी चूक बड़ा नुकसान कर सकती है। इसलिए गगनयान प्रोजेक्ट में सतर्कता से काम किया जा रहा है। Post Views: 190