दिल्लीमुंबई शहरशहर और राज्य सीबीआई चीफ की रेस में मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध जायसवाल सबसे आगे.. 23rd October 2018 networkmahanagar 🔊 Listen to this नेटवर्क महानगर ( राजेश जायसवाल) : मुंबई , दिल्ली में सीबीआई के दो उच्च अधिकारियों के बीच वर्चस्व की जो लड़ाई चल रही है, उसमें मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध कुमार जायसवाल सीबीआई डायरेक्टर की रेस में आगे पाए जा रहे हैं। बता दें कि सीबीआई चीफ का चयन तीन महीने बाद जनवरी 2019 में किया जाना है। आलोक वर्मा के रिटायरमेंट के बाद जनवरी में सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को यह पद मिलना लगभग तय माना जा रहा था। हालांकि, आलोक वर्मा द्वारा अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने की एफआईआर दर्ज कराने के बाद उन्हें सीबीआई प्रमुख का पद मिलना अब लगभग नामुमकिन माना जा रहा है। ज्ञात रहे कि सीबीआई चीफ की नियुक्ति में प्रधानमंत्री के अलावा लोकसभा में नेता विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के चीफ की रजामंदी भी जरूरी होती है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की जो ईमानदार छवि है, उसमें वह भ्रष्टाचार आरोपी किसी अधिकारी के नाम को हरी झंडी देंगे, इस पर आंख बंद कर कोई भी विश्वास नहीं करेगा। ऐसे में अस्थाना के स्थान पर देश के तमाम सीनियर आईपीएस अधिकारी आलोक वर्मा के रिटायरमेंट के बाद सीबीआई डायरेक्टर की दौड़ में आ गए हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर सुबोध जायसवाल भी उन्हीं में से एक हैं। इसी साल सितंबर महीने में सुबोध कुमार जायसवाल मुंबई आयुक्त बने हैं। माना जाता है कि उनका ट्रैक रेकॉर्ड बहुत ही साफ – सुथरा है। जायसवाल पुलिस कमिश्नर बनने से पहले रॉ में थे। यही नहीं वह देश के अकेले आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने तेलगी कांड में सिपाही से लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त तक सभी को गिरफ्तार किया था। उस वक्त वह एसआईटी में थे, जिसके चीफ एसएस पुरी थे। सुबोध जायसवाल साल 2022 में रिटायर हो रहे हैं। उनके पास अभी भी पूरे चार साल का वक्त है। सरकार उन्हें देश की किसी भी बड़ी जांच एजेंसी के चीफ की पोस्ट दे सकती है। वह पद सीबीआई डायरेक्टर का भी हो सकता है, रॉ चीफ का या आईबी डायरेक्टर का। उन्हें मुंबई सीपी बनाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने बाकायदा केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा था कि उन्हें वापस महाराष्ट्र काडर में भेज दिया जाए। दत्तात्रेय पडसलगीकर के रिटायरमेंट के बाद सुबोध जायसवाल महाराष्ट्र के सीनियर मोस्ट डीजी हो जाते इसलिए उन्हें मुंबई सीपी का पद नहीं मिल पाता। सरकार को उन्हें तब महाराष्ट्र का डीजीपी बनाना पड़ता इसीलिए केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर 1 सितंबर को पडसलगीकर को डीजीपी के तौर पर तीन महीने का सेवा विस्तार दिया। उम्मीद है दिसंबर में महाराष्ट्र सरकार भी अपनी तरफ से पडसलगीकर को फरवरी 2019 तक सेवा विस्तार देगी। इस दौरान सुबोध जासयवाल मुंबई के सीपी बने रहेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि उन्हें जनवरी में सीबीआई डायरेक्टर न बनाया गया तो वह फरवरी 2019 में महाराष्ट्र के डीजीपी हो सकते हैं। Post Views: 205