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सुप्रीम कोर्ट ने उबर को महाराष्ट्र में परिचालन जारी रखने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उबर को महाराष्ट्र में एक एग्रीगेटर के रूप में अपना संचालन जारी रखने के लिए तीन सप्ताह की अवधि के भीतर मोटर वाहन संशोधन अधिनियम (एमवीए) के तहत लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने उबर इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को 6 मार्च, 2023 तक लाइसेंस के लिए आवेदन करने का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा है कि उसका पहले का अंतरिम आदेश, जिसके द्वारा उसने उबर को राज्य में काम करने की अनुमति दी थी, मान्य नहीं होगा, क्योंकि एक एग्रीगेटर बिना लाइसेंस के काम नहीं कर सकता है।

उबर को 3 सप्ताह के भीतर करना होगा आवेदन
पीठ ने कहा, हमारा विचार है कि बिना लाइसेंस के काम करने की अनुमति देने वाला अंतरिम आदेश टिक नहीं सकता, क्योंकि एग्रीगेटर लाइसेंस के बिना काम नहीं कर सकता। उबर को तीन सप्ताह की अवधि के भीतर, 6 मार्च, 2023 को या उससे पहले लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा।

बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2022 में एक अंतरिम आदेश में बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था, जिसमें उबर इंडिया को केंद्र सरकार द्वारा जारी मोटर वाहन एग्रीगेटर (एमवीए) दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया था।