दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य सुशांत केस: जांच टीम में ‘मराठी सिंघम’ अधिकारी की इंट्री, ड्रग्स कनेक्शन केस के हैं एक्सपर्ट, खंगालेंगे कुंडली 3rd September 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई/नयी दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि डीआरआई यानी केंद्रीय राजस्व खुफिया निदेशालय के बेहद चर्चित और तेज तर्रार अधिकारी समीर दनयनदेव वानखेड़े की 6 महीने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में सेवा ली जाएगी.बता दें कि तेज-तर्रार अधिकारी समीर वानखड़े महाराष्ट्र और गोआ जोन के फिलहाल जोनल डायरेक्टर हैं. ड्रग्स से जुड़े मामलों के समीर विशेषज्ञ माने जाते हैं. वो 2008 बैच के आईआरएस (IRS ) अधिकारी हैं , लेकिन इनके काम करने का अंदाज किसी हॉलिवुड और बॉलीवुड के सुपर सिंघम पुलिस अधिकारी के जैसा है, जो रिल लाइफ में नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी सिंघम जैसे काम करते हैं. सुशांत सिंह की संदिग्ध मौत की तफ्तीश में क्या होगी समीर वानखड़े की भूमिका?दिवंगत फिल्म स्टार सुशांत सिंह की संदिग्ध मौत मामले की तफ्तीश के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसी- सीबीआई , ईडी , और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम विशेष तौर पर जांच में जुटी है. इस मामले में जब से ड्रग्स माफियाओं की भूमिका सामने आई है तब से एनसीबी की टीम दिन रात इस मामले की हर संभव पड़ताल में जुट गई है. आईआरएस अधिकारी समीर वानखड़े पिछले कुछ सालों में ही डीआरआई में कार्य करने के दौरान मुंबई से लेकर गोवा तक ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ काफी कार्रवाई कर चुके हैं. इसके साथ ही कई राज्यों में फैले ड्रग्स कारोबारियों के बारे में उन राज्यों की पुलिस प्रशासन को सतर्क करते रहते हैं , लिहाजा इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुशांत सिंह की संदिग्ध मौत मामले में एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम को ये काफी मदद कर सकते हैं. डीआरआई की अगर बात करें तो समीर वानखड़े के नेतृत्व में पिछले दो सालों के अंदर ही करीब 17 हजार नारकोटिक्स को पकड़ा गया और आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई. इसके साथ ही करीब एक हजार करोड़ का हेरोइन भी हाल में ही डीआरआई ने जब्त किया था. समीर मुंबई में केन्द्रीय राजस्व खुफ़िया निदेशालय में ज्वाइन करने से पहले दिल्ली स्थित केन्द्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA ) में कार्यरत थे , जहां उन्होने आतंकवाद से जुड़े दर्जनों मामलों का समाधान किया था और कई आतंकियों को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था, एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी उसे ‘सिंघम’ कहकर बुलाते थे, इसलिए आज भी उनके कई बैचमैट और एनआईए, डीआरआई अधिकारी उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं. Post Views: 190