ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर हाउसिंग सोसायटियों ने लगाया सरकार को चूना; मुंबई में म्हाडा के प्लॉट पर हड़पे 71 फ्लैट 9th February 2025 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्रविकास प्राधिकरण (म्हाडा प्लॉट डिस्ट्रीब्यूशन) रेगुलेशन १६ के तहत वितरित भूखंडों पर स्थापित सहकारी आवास समितियों को सरकार और म्हाडा प्रत्येक को दस प्रतिशत फ्लैट सौंपने की शर्तें थी लेकिन अब तक ५८ में से ३७ हाउसिंग सोसायटियों ने ७० से अधिक फ्लैटों को सरकार और म्हाडा को सौंपे बिना आपसी सहमति से हड़प लिए गए। कोर्ट के आदेश के मुताबिक; राज्य सरकार ने इस मामले में एक रिपोर्ट सौंपी है और उसमें यह महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। जानकारी के मुताबिक, साल २०१६ में तिलक नगर स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी ने म्हाडा अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक, सहकारी हाउसिंग सोसायटियों द्वारा सरकार और म्हाडा को १० प्रतिशत फ्लैटों का हस्तांतरण नहीं करने के संबंध में अदालत में याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई के समय यह पाया गया कि ऐसी ६७ सहकारी आवास समितियां थीं। कोर्ट ने जून २०२३ में आदेश दिया था कि इस मामले में जांच रिपोर्ट पेश की जाए। जिसके बाद आवास विभाग द्वारा एक सदस्यीय कमेटी नियुक्त की गई थी, जो अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ६७ नहीं बल्कि ५८ ऐसी हाउसिंग सोसायटियां हैं जिनमें से १० को बाहर कर दिया गया है, क्योंकि यहां प्लॉट वितरित नहीं हुए, या निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। बाकी ४८ में से ३७ हाउसिंग सोसायटियों को दस प्रतिशत के हिसाब से ९० फ्लैट सरकार को और १८ फ्लैट म्हाडा को सौंपने थे।रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि इनमें से सिर्फ ३७ फ्लैट ही सरकार को उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि म्हाडा को एक भी फ्लैट नहीं मिला है। यह बात भी सामने आई है कि इनमें से कई हाउसिंग संस्थाओं के कॉन्ट्रैक्ट में सरकार या म्हाडा ने ऐसी कोई शर्त नहीं रखी है और कुछ मामलों में तो सरकार और म्हाडा ने अपने स्तर पर रकम वसूलने के बाद भी शर्तों में ढील दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले में दर्ज शिकायत में सच्चाई है। हालांकि, जिन हाउसिंग सोसायटियों ने दस फीसदी फ्लैट नहीं सौंपे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की गयी है। लेकिन भविष्य में सुझाव दिया गया है कि पुनर्विकास की अनुमति देते समय इन फ्लैटों को उनसे ले लिया जाए। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि जिन प्लॉट धारकों पर निर्माण शुरू नहीं हुआ है, उन्हें तुरंत नोटिस जारी किया जाना चाहिए। दस प्रतिशत फ्लैट की शर्तों को ताक पर रखने वाली संस्थाए… नीति कर्मरी, गुरुकृपा, आईआईटी, अंजनेया (कोपरी, पवई), शिवांजलि, आकाशगंगा, श्री साई (ओशिवारा), वर्ली सिटीजन (आदर्श नगर, वर्ली), साई आदित्य (डीएन नगर, अंधेरी वेस्ट), जय महाराष्ट्र वास्तु विकास, दत्त दिगंबर (जेवीपीडी), पोपिलॉन (सिद्धार्थ नगर, गोरेगांव पश्चिम), पृथ्वीराज (उन्नत नगर, गोरेगांव पश्चिम), प्रभु आशीष (गोराई, बोरीवली पश्चिम), ज्वेल (बांद्रा रिक्लेमेशन), महामहिम (सरदार पटेल नगर, अंधेरी पश्चिम), चंद्रन (हिल गोरेगांव) का नाम शामिल हैं। Post Views: 28