ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य 16 जून से मराठा आरक्षण आंदोलन की शुरुआत, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिवस पर संभाजी राजे ने की घोषणा 6th June 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: सांसद संभाजी राजे भोसले ने आखिर रायगढ़ से मराठा आरक्षण के आंदोलन की घोषणा कर दी. आगामी 16 जून से मराठा आरक्षण के लिए पहला मोर्चा निकाला जाएगा. कोल्हापुर से छत्रपति शाहू महाराज के समाधि स्थल से मोर्चे की शुरुआत होगी. छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 348 वीं वर्षगांठ के मौके पर रायगढ़ के किले पर भव्य सामारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सांसद संभाजी राजे ने मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जिन छत्रपति शाहू महाराज ने अपने राज में समाज के कमजोर लोगों को आरक्षण दिया था, उन्हीं के कोलहापुर स्थित समाधि स्थल से मैं आंदोलन की शुरुआत करूंगा. उन्होंने सत्ताधारियों को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू है. इसके लिए कोई कुछ कर नहीं रहा. आपने अब तक मेरा संयम देखा, लेकिन अब जो होगा, हो जाने दो. मैं मरूं तो भी चलेगा लेकिन मराठा समाज को न्याय दिलाए बिना अब मैं पीछे हटने वाला नहीं. पहला मोर्चा शाहू महाराज की समाधि से छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे ने 16 जून को शाहू महाराज की समाधि से पहले मोर्चे की शुरुआत की घोषणा की. उन्होंने कहा कि लोकप्रतिनिधी से सीधा पूछा जाएगा कि आपने मराठा समाज को न्याय दिलाने के लिए अब तक क्या किया? कोविड खत्म होने के बाद भी अगर सरकार ने कुछ नहीं किया तो संपूर्ण मराठा समाज को लेकर संभाजी राजे मुंबई तक लॉन्ग मार्च करेंगे. संभाजी ने कहा कि वे मराठा समाज पर लाठियां चलीं तो पहली लाठी वे अपने ऊपर खाएंगे. संभाजी ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि इस मार्च में लाखों मराठे शामिल होंगे. कौन सही-कौन गलत, इससे मेरा लेना-देना नहीं संभाजी ने इस मौके पर कहा कि सर्वोच्च न्यायलय ने मराठा आरक्षण को यह कह कर रद्द कर दिया है कि मराठा समाज सामाजिक दृष्टि से पिछड़ा नहीं है. इसलिए मराठा समाज को SEBC की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता. इसलिए मराठा समाज को इसके तहत आरक्षण नहीं दिया जा सकता. लेकिन मेरी लड़ाई 30 प्रसिद्ध ताकतवर मराठों के लिए नहीं, 70 प्रतिशत गरीब मराठा समाज के लिए है. पिछली सरकार के लोग कहते हैं कि अभी की ठाकरे सरकार ने कोर्ट के सामने मराठा समाज के पक्ष को सही तरह से नहीं रखा. वर्तमान सरकार कहती है कि पिछली सरकार ने जिस कानूनी आधार पर मराठा आरक्षण दिया था वो पुख्ता नहीं था इसलिए अदालत में नहीं टिक सका. यही आरोप-प्रत्यारोप शुरू है. हमें न्याय चाहिए. कौन सही, कौन गलत की लड़ाई से हमें कोई मतलब नहीं है. Post Views: 179