महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य शबाना आजमी को बचाने 2 किमी दौड़े थे विवेकानंद, हुए सम्मानित 30th January 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this पुणे: शबाना आजमी को बचाने के लिए महाराष्ट्र सिक्युरिटी फोर्स (एमएसएफ) के जिस जवान ने 2 किमी तक दौड़ लगाई थी, उसे अब एक एनजीओ ने सम्मानित किया है। बुधवार को ‘लाइफ सेविंग फाउंडेशन’ ने विवेकानंद योगे को संयुक्त पुलिस आयुक्त की मौजूदगी में सम्मानित किया। बता दें कि विवेकानंद को ही सबसे पहले सूचना मिली थी कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर कोई ऐक्सिडेंट हुआ है। उन्होंने एक पल भी गंवाए बिना घटनास्थल के लिए दौड़ लगा दी, उस वक्त उन्हें पता भी नहीं था कि उस कार में शबाना आजमी हैं।शबाना आजमी का 18 जनवरी को मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर खालापुर टोल प्लाजा के पास ऐक्सिडेंट हुआ था। गार्ड विवेकानंद योगे 2 किमी तक दौड़ने के बाद शबाना की कार के पास पहुंचे तो देखा कि वह बेहोशी की हालत में अपनी सीट पर पड़ी थीं। योगे ने दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर शबाना को कार से बाहर निकाला और रोड पर लिटाया। इस बीच उन्होंने एम्बुलेंस को कॉल की और ट्रैफिक भी संभाला। विवेकानंद की वर्दी से कन्फ्यूज हुए थे देवेंद्र पाठक योगे को एमएसएफ में काम करते हुए दो साल हो गए हैं। देवेंद्र पाठक ने शबाना आजमी के ऐक्सिडेंट की तस्वीरों में योगे को देखने के बाद से ही उनकी तलाश शुरू कर दी थी। देवेंद्र पाठक योगे की वर्दी देखकर उन्हें सेना का जवान समझ रहे थे, इसलिए उन्होंने महाराष्ट्र में सेना के सभी मुख्यालयों से विवेकानंद के बारे में पूछताछ की, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। पनवेल के हॉस्पिटल से मिला विवेकानंद का पताआखिरकार उन्होंने पनवेल के एमजीएम हॉस्पिटल में संपर्क किया, जहां ऐक्सिडेंट के बाद शबाना को लाया गया था। वहां से उन्होंने उस एम्बुलेंस का नंबर लिया, जिसे फोन कर विवेकानंद ने बुलाया था। तब उन्हें विवेकानंद के बारे में पता चला कि एमएसएफ में काम करते हैं। वहीँ योगे ने कहा, हमें किसी आपदा के वक्त तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। जब ऐक्सिडेंट हुआ तब मुझे नहीं पता था कि कार के अंदर शबाना आजमी हैं। अगर कोई और भी होता तब भी मेरी यही प्रतिक्रिया होती।देवेंद्र पाठक ने कहा, हमारी संस्था का मूल उद्देश्य ऐसे लोगों को सम्मानित करना है जो रोड ऐक्सिडेंट का शिकार हुए पीड़ितों की मदद करते हैं। विवेकानंद के बारे में पता चलने के बाद हमने पुलिस कमिश्नर के. वेंकटेशम से संपर्क किया और विवेकानंद को सम्मानित किया। Post Views: 191