दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य

NGO के काम-काज में अब दिखेगी और पारदर्शिता, मंत्रालय ने तैयार की नई गाइड लाइन

नयी दिल्ली: सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी अहम योजनाओं में सरकार के साथ हाथ से हाथ मिलाकर काम करने वाले एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) के काम-काज में अब और पारदर्शिता देखने को मिलेगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसे लेकर एक नई गाइड लाइन तैयार की है। इसके तहत एनजीओ से जुड़ा पूरा काम-काज अब आनलाइन होगा। जिसमें प्रस्ताव भी अब आनलाइन ही देने होंगे। मंजूरी भी आनलाइन ही मिलेगी। साथ ही यह सारा काम भी एक निश्चित समयसीमा के भीतर पूरा होगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने एनजीओ को लेकर यह गाइड लाइन उस समय तैयार की है, जब मंत्रालय से लेकर इससे जुड़े विभागों में हर दिन इन्हें लेकर बेवजह का जमावड़ा लग रहा है। साथ ही इनके चयन को लेकर भी सवाल उठते रहते है। यही वजह है कि मंत्रालय ने इस पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए अपने अभी कार्यालयों को अपडेट करने के निर्देश भी दिए है। साथ ही एनजीओ को भी क्लोज सर्किट कैमरे से लैस करने के निर्देश दिए है। ताकि एनजीओ के काम-काज को भी ऑनलाइन देखा जा सके। मौजूदा समय में मंत्रालय के पास ऐसी भी शिकायतें है कि एनजीओ में कर्मचारियों की फर्जी तैनाती की जानकारी दी जाती है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानना है कि सारी व्यवस्था आनलाइन और कैमरों की निगरानी में आने से इनमें पारदर्शिता आएगी।
मंत्रालय की यह पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि मौजूदा समय में देश भर में उसकी पांच प्रमुख योजनाओं का संचालन एनजीओ की मदद से ही किया जा रहा है। फिलहाल इनमें जो प्रमुख योजनाएं शामिल है, उनमें नशा मुक्ति स्कीम, वयोश्री और वरिष्ठ नागरिक स्कीम, एससी और ओबीसी के लिए मुफ्त कोचिंग और एससी और ओबीसी छात्रावास जैसी योजनाएं शामिल है।
नई गाइड लाइन के तहत एनजीओ की ओर से आनलाइन मिलने वाले किसी भी प्रस्ताव पर तीस दिन के भीतर विचार शुरु हो जाएगा। बशर्ते प्रस्ताव अधूरा न हो। इसके साथ ही हर साल फरवरी के पहले हफ्ते में ऐसे सभी प्रस्ताव मांगे जाएंगे। जिसके लिए छह हफ्ते का समय भी दिया जाएगा। इसके साथ ही हर साल अप्रैल के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावों के चयन को लेकर स्कीनिंग कमेटी की बैठक होगी जो प्रस्तावों को अंतिम रुप देगी।