ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: मारिया के खुलासे पर उज्ज्वल निकम बोले- आतंकियों से मिले 10 फर्जी आईडी कार्ड, सब पर लिखे थे हिंदू नाम 21st February 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: आतंकवादी हमले के गुनहगार आतंकी अजमल कसाब को लेकर मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया के इस दावे कि पाकिस्तानी आतंकी हिन्दू आतंकवाद दिखाने की साजिश के तहत आए थे। इस पर मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के मुकदमे की अदालत में पैरवी करने वाले विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा है कि कसाब समेत अन्य आतंकियों के पास से मिले 10 आईकार्ड पर हिन्दू नाम लिखे थे। उन्होंने कहा है कि आईएसआई की क्या तैयारी थी इसकी पर्सनल जानकारी मुझे नहीं है। मुंबई पुलिस के चार्जशीट दाखिल करने के बाद यह केस मेरे पास आया जिसमें आतंकी हमला करने वाले आतंकियों के पास से 10 आईकार्ड कोर्ट में पेश किए गए। इसमें सभी आतंकियों के पास फेंक आईडी कार्ड थे जिनमें हिंदुओं के नाम थे। उज्जवल निकम ने बताया कि कसाब ने 19 फरवरी 2002 को कोर्ट में दिए इकबालिया बयान से एक बात साबित हो गई थी कि बरामद किए गए 10 फर्जी कार्ड झूठे नाम थे। उसने बताया था कि पुलिस को गुमराह करने के लिए हमने इन फेंक आईकार्ड का इस्तेमाल किया था। कसाब ने कोर्ट को यह भी बताया था कि अबुल काफा जिसने उनको मिलिट्री ट्रेनिंग दी थी उसने बताया था कि तुम्हे 10 झूठे नाम दिए जाएंगे और हमने कोर्ट में यह बात साबित कर दी थी। मारिया ने किया था क्या खुलासापूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। मुंबई अटैक के बारे में मरिया ने कहा था कि आतंकी हमले के बाद जारी की गई कसाब की एक तस्वीर पर केंद्रीय एजेंसियों ने काम किया था। सुरक्षा को देखते हुए मुंबई पुलिस ने पूरी कोशिश की कि मीडिया के सामने किसी विवरण का खुलासा नहीं हो। तस्वीर में कसाब की दाहिनी कलाई पर लाल रंग का धागा बंधा हुआ था जिसे पवित्र हिंदू धागा माना जाता है। इस बात ने कई लोगों को यह भरोसा करने के लिए प्रेरित किया कि षडयंत्रकारियों ने 26/11 हमले को ‘हिंदू आतंकवाद’ के रूप में पेश करने का प्रयास किया था।मारिया ने अपनी किताब में लिखा, अखबारों में बड़ी बड़ी सुर्खियां बनतीं जिनमें दावा किया जाता कि किस प्रकार हिंदू आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया। शीर्ष टीवी पत्रकार उसके परिवार और पड़ोसियों से बातचीत करने के लिए बेंगलुरु पहुंच जाते। लेकिन अफसोस, ऐसा नहीं हो सका वह पाकिस्तान में फरीदकोट का अजमल आमिर कसाब था। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई के कांस्टेबल शहीद तुकाराम अम्बोले द्वारा कसाब को जिंदा पकड़ लेने से वह योजना नाकाम हो गयी।गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी। वहीं, 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस हमले में आतंकी कसाब जिंदा पकड़ा गया और 21 नवंबर 2012 को फांसी पर लटका दिया गया। Post Views: 202