दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य अब इलेक्ट्रिक मास्क से होगा कोरोना का खात्मा, संपर्क में आते ही लगेगा करंट और हो जाएगा निष्क्रिय 18th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this बेंगलुरु: सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CeNS)के वैज्ञानिकों ने फेस मास्क बनाने के लिए एक अनोखा तरीका इजाद किया है, जिसे ‘ट्रिबोइलेक्ट्रिसिटी’के सिद्धांत पर बनाया गया है। इसके अनुसार, घरों में आमतौर पर उपलब्ध सामग्रियों से भी ऐसे तीन परत वाले मास्क तैयार किए जा सकते हैं जिनकी बाहरी और बीच वाली परत पर हमेशा करंट होगा, जिसके संपर्क में आते ही वायरस या तो खत्म या निष्क्रिय हो जाएगा।वैज्ञानिक डॉ. प्रलय संतरा, डॉ. आशुतोष सिंह और प्रोफेसर गिरिधर कुलकर्णी की टीम ने इसे तैयार किया है। प्रो. कुलकर्णी ने बताया कि उन्होंने भौतिकी की किताबों की ‘ट्रिबोइलेक्ट्रिसिटी’ के सिद्धांत से इस अवधारणा को अपनाया है। इसके अनुसार जब दो कुचालक वस्तुओं के बीच घर्षण होता है तो इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा होता है। कोविड-19 को कंट्रोल करने में यह मास्क कितना कारगर है इसका अभी परीक्षण चल रहा है। घरों में आमतौर पर उपलब्ध समाग्रियों से भी ऐसे तीन परत वाले मास्क तैयार किए जा सकते हैं जिनकी बाहरी और बीच वाली परत पर हमेशा करंट होगा। इसके संपर्क में आते ही कोरोना वायरस मर जाएगा। इसे पॉलिप्रोपाइलीन की परतों के बीच में नाइलॉन या सिल्क के कपड़े की परत से तैयार किया जाता है। वायरस के खिलाफ डबल लेयर सुरक्षाआमतौर पर दुकानों से खरीदारी करते समय पॉलिप्रोपाइलीन की थैली में हमें सामान मिलता है। नाइलॉन या सिल्क के पुराने कपड़े भी घरों में आसानी से मिल जाते हैं। इस मास्क की परतों के एक-दूसरे से रगड़ खाने से पॉलिप्रोपाइलीन की बाहरी परत पर निगेटिव चार्ज और नाइलॉन के कपड़े पर पॉजिटिव चार्ज एकत्र हो जाता है। इस प्रकार वायरस के खिलाफ डबल लेयर सुरक्षा मिल जाती है। इस मास्क को घर में धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी इस मास्क को सिर्फ स्वस्थ लोगों के इस्तेमाल के लिए ही परखा गया है और स्वास्थ्यकर्मियों या कोरोना के मरीजों के लिए इसकी अनुशंसा नहीं की गई है। Post Views: 203