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किसान यूनियनों ने केंद्र का प्रस्ताव किया खारिज, आंदोलन जारी रखने की घोषणा!

नयी दिल्ली: कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों को आज सरकार से लिखित प्रस्ताव मिला, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया है। सरकार ने MSP, मंडी सिस्टम पर अपनी ओर से कुछ संशोधन सुझाए थे। किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पूरे देश में हम आंदोलन को और तेज करेंगे।
प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने बुधवार को केंद्र द्वारा दिये नये प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि 3 विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे। किसान नेताओं ने विवादास्पद कृषि कानून पर सरकार के प्रस्ताव के संदर्भ में कहा कि अगर सरकार दूसरा प्रस्ताव भेजे तो वह विचार कर सकते हैं।
इस मौके पर किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि हम 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे और दिल्ली-जयपुर राजमार्ग 12 दिसंबर तक बंद करेंगे। संवाददाता सम्मेलन में किसान नेताओं ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किये गए तो हम दिल्ली की सभी सड़कों को एक के बाद एक बंद करेंगे। वहीं किसान नेता दर्शन पाल ने घोषणा की कि आगरा-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को 12 दिसंबर को बंद किया जाएगा, उस दिन देश के किसी भी टोल प्लाजा पर कोई कर नहीं दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि केंद्र-किसान वार्ता रद्द होने के बाद मामला और पेचीदा हो गया। इसके बाद सरकार की ओर से एक मसौदा किसान फोरम को सौंपा गया जिस पर विमर्श के लिये सिंघू सीमा पर किसानों ने बैठक की। बैठक के बाद किसानों ने सरकार के मसौदे को ठुकरा दिया है।

राष्‍ट्रपति के सामने राहुल गांधी ने क्‍या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में हमने कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का अनुरोध किया क्योंकि ये कानून बिना चर्चा के पारित किए गए। उन्होंने कहा, जिस तरह से कृषि विधेयक पारित किए गए, हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है इसलिए वे ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन कर रहे हैं। राहुल ने कहा, हमने राष्ट्रपति से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना बेहद महत्वपूर्ण है।