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पीएम मोदी ने मेरठ में किया ‘मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय’ का शिलान्यास

मेरठ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेरठ में ‘मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय’ का शिलान्यास किया, जो उत्‍तर प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय है। नए साल में उत्तर प्रदेश के अपने पहले दौरे पर आए पीएम मोदी ने मेरठ के सलावा इलाके में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
राज्‍य सरकार के एक प्रवक्‍ता ने बताया कि विश्व स्तरीय अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय 91.38 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा और इसके निर्माण पर 700 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है। इस विश्वविद्यालय में 1,080 खिलाड़ियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। इसमें खेल, खेल विज्ञान तथा खेल प्रौद्योगिकी के विभिन्न पाठ्यक्रमों के अलावा प्रशिक्षण एवं शोध कार्य भी संचालित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के शिलान्यास से पहले प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्‍थल पर मौजूद खिलाड़ियों से बातचीत की। इसके अलावा उन्होंने खेल उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के मॉडल को भी देखा।

पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी खेलते थे खेल
पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे। पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे।

हमारे मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे और पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी। पहले की सरकारों के खेल का ही नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे।

अब योगीजी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है। पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने मंगल पांडे को दी श्रद्धांजलि! 
इससे पूर्व, पीएम मोदी मेरठ स्थित काली पलटन मंदिर गए और उन्होंने वहां पूजा की। इसके बाद उन्होंने शहीद स्मारक भवन में अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने रविवार को यहां 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक मंगल पांडे की प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री (बीएनआई) रेजिमेंट में सिपाही (इन्फैंट्रीमैन) थे। उन्होंने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। मोदी ने शहीद स्मारक स्थित संग्रहालय का अवलोकन भी किया। प्रधानमंत्री यहां औघड़नाथ मंदिर में पूजा करने के बाद शहीद स्मारक पहुंचे और देश के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और इसकी परिक्रमा की। मेरठ छावनी स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ब्रिटिश शासनकाल में भारतीय सैनिकों को काली पलटन कहा जाता था। इसी मंदिर के आस-पास भारतीय सैनिक रहते थे और इसके चलते इस मंदिर को काली पलटन मंदिर के नाम से पुकारा जाने लगा। ऐसा कहा जाता है कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारतीय सैनिक औघड़नाथ मंदिर में पानी पीने के लिए आते थे, लेकिन मंदिर के पुजारियों ने भारतीय सैनिकों के मंदिर में मौजूद कुएं से पानी पीने का विरोध किया, क्योंकि वे जिन कारतूसों का इस्तेमाल करते थे, उनमें गाय की चर्बी मिली होती थी। इसी के बाद यहीं से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीय सैनिकों में विद्रोह की ज्वाला भड़की थी और 1857 की क्रांति की शुरुआत हुई थी। प्रधानमंत्री मौसम खराब होने की वजह से हवाई मार्ग के बजाय सड़क मार्ग से मेरठ पहुंचे थे।