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बिहार: अमित शाह की वर्चुअल रैली की 10 बड़ी बातें…

नयी दिल्ली/पटना: बिहार में बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनाव-2020 को लेकर शंखनाद कर दिया है। बीजेपी के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की पहली वर्चुअल रैली को संबोधित किया। बिहार जनसंवाद रैली के जरिए अमित शाह ने स्पष्ट किया कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। बीजेपी लोकतंत्र में विश्वास रखती है। कोरोना संकट में हम जनसंपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते। कोरोना महामारी की वजह से जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है उन सभी के परिवार वालों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। अमित शाह ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत विजयी होगा।

गृहमंत्री अमित शाह के संबोधन की 10 बड़ी बातें…

बिहार की भूमि ने हमेशा देश का नेतृत्व किया
‘बिहार जनसंवाद रैली’ को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। देश की आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया, तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया। भारत पर जब भी संकट आया है तब-तब बिहार की भूमि भारत के लिए संकट मोचक बनी है।

ये राजनीतिक दल का गुणगान गाने की रैली नहीं
विपक्षी पार्टी आरजेडी के थाली बजाकर विरोध जताने पर अमित शाह ने कहा कि मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को उन्होंने माना। उन्हें अच्छा लगा कि विपक्ष ने थाली बजाकर कोरोना को भगाने के लिए काम किया। इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है, ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है।

विपक्ष पर करारा पलटवार
अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ वक्र दृष्टि वाले लोग इसे चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें मैं कहता हूं कि किसने रोका है। वो दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह, दिल्ली से लेकर पटना और दरभंगा की जनता को जोड़ने के लिए एक वर्चुअल रैली ही कर लेते। तेजस्वी का नाम लिए बगैर अमित शाह ने कहा, बिहार के एक नेता मज़दूरों को लेकर बयान दे रहे थे, वे बताएं कि वो कहां के हैं, दिल्ली के हैं कि बिहार के हैं।

देश की तरक्की के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना जरूरी
बिहार जनसंवाद रैली में अमित शाह ने कहा कि देश की तरक्की के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना जरूरी है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया। पीएम मोदी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया। जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो पूर्वी भारत के लोगों को हुआ।

शाह बोले- बिहार में हम बाहुबल से विकास बल तक आए हैं
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में हम लालटेन युग से LED युग तक आए हैं। लूट एंड ऑर्डर से लॉ एंड ऑर्डर तक की यात्रा हमने की है। जंगल राज से जनता राज तक हम आए हैं। बाहुबल से विकास बल तक आए हैं और चारा घोटाले से डीबीटी तक की यात्रा पीएम मोदी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक तय की है। शाह ने कहा कि मैं परिवारवादी लोगों को आज कहता हूं कि अपना चेहरा आईने में देख लीजिए, 1990 से 2005 के दौरान इनके शासन में बिहार की विकास दर 3.19 फीसदी थी, आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में ये 11.3 फीसदी तक विकास दर पहुंचाने का काम एनडीए की सरकार ने किया है।

नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत से जीत दर्ज करेगी NDA
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले समय में बिहार में विधानसभा चुनाव होने है। हमारा यकीन है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए दो-तिहाई बहुमत से जीत दर्ज करेगी, लेकिन ये समय राजनीति का नहीं कोरोना से लड़ने का है इसलिए हमें एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। बीजेपी की शक्ति इसका संगठन है। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सेवा ही संगठन है।

मोदी सरकार ने लिया ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ का फैसला
अमित शाह ने कहा कि बिहार के लिए जो 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज हमने दिया था तो उसे हमने वास्तविकता में बदलने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी-अभी पिछली कैबिनेट की बैठक में ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ का फैसला लिया। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा के मजदूर देश के कई हिस्सों में काम करते हैं। इससे अब श्रमिक भाई-बहन अपने हिस्से का राशन, देश में कहीं पर भी हों, वहां प्राप्त कर सकेंगे। अमित शाह ने आगे कहा कि आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में पीएम मोदी ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरु की।

किसानों के मुद्दे पर शाह का राहुल गांधी को जवाब
अमित शाह ने इस दौरान राहुल गांधी पर भी पलटवार किया। बीजेपी नेता ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। जब 10 साल उनकी सरकार रही तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया। वहीं, पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की।

बिहार के लोगों का पसीना इस देश के विकास की नींव में
अमित शाह ने कहा कि करीब 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया गया। उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके गृह राज्यों में क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं कि देश का कोई भी हिस्सा चाहे मुंबई, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु हो, जो विकसित है इसकी नींव में जाएंगे तो मेरे बिहार के प्रवासी मजदूर के पसीने की महक आती है। बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है। जो लोग उन्हें अपमानित करते हैं वो प्रवासी मजदूरों के जज्बे को नहीं समझते हैं।