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मुंबई: CM उद्धव ठाकरे से मिले सोनू सूद, बोले- जब तक आखिरी प्रवासी घर नहीं पहुंच जाता, मैं मदद करता रहूंगा

मुंबई: प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने पर वाहवाही लूटने वाले बॉलिवुड अभिनेता सोनू सूद पर महाराष्ट्र की राजनीति में खूब हलचल है। शिवसेना नेता संजय राउत ने जब उन्हें ‘महात्मा’ बताकर तंज कसा तो प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख सोनू के समर्थन में आ गए। हालांकि, सियासी हलचल से बेपरवाह सोनू सूद ने कहा है कि वह अपना मुहिम जारी रखेंगे और इस वक्त सभी लोगों को जरूरतमंद की मदद करने की जरूरत है।
मुख्मयंत्री उद्धव ठाकरे और मंत्री आदित्य ठाकरे से उनके आवास मातोश्री में मुलाकात के बाद सोनू सूद ने कहा, जब तक आखिरी प्रवासी अपने घर नहीं पहुंच जाता, मैं अपना काम करता रहूंगा। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर सियासी दल ने मेरा समर्थन किया है और मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं। कोरोना लॉकडाउन में फंसे और जरूरतमंद लोगों को हर देशवासी को मदद करना चाहिए।

आदित्य ठाकरे ने की तारीफ
सोनू सूद के साथ मीटिंग के बाद आदित्य ठाकरे ने ट्वीट भी किया- आज (रविवार) शाम उद्धव जी और मंत्री असलम शेख के साथ सोनू मुझसे मिले। जरूरतमंद लोगों के लिए हमें साथ आने की आवश्यकता है। आम लोगों की मदद के लिए ऐसे अच्छे इंसान के साथ मिलना अच्छा लगा।
सोनू सूद की उद्धव ठाकरे के साथ यह मीटिंग इसलिए भी बेहद अहम मानी जा रही है कि क्योंकि शिवसेना के ही संजय राउत ने उनकी तीखी आलोचना की थी। अब आदित्य ठाकरे की तारीफ से यह साफ हो गया है कि उद्धव सरकार सोनू सूद के साथ खड़ी है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस मीटिंग से संजय राउत को भी संदेश मिल गया है।

सोनू के समर्थन में दिखे गृहमंत्री देशमुख
इससे पहले जब महाराष्‍ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से इस पूरे विवाद पर सवाल किया गया तो उनका कहना था, ऐक्‍टर सोनू सूद ने बहुत से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजकर अच्‍छा काम किया है। मैंने नहीं सुना कि संजय राउत साहब ने इस पर क्‍या कहा है। जो लोग अच्‍छी पहल करते हैं, हम उनकी सराहना करते हैं भले ही वह सोनू सूद हो या कोई और।

दरअसल शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सोनू सूद की तारीफ पर सवाल उठाते हुए संजय राउत ने कहा था कि कितनी चतुराई के साथ किसी को एक झटके में महात्मा बनाया जा सकता है। अपने कॉलम ‘रोखटोक’ में उन्‍होंने लिखा था, लॉकडाउन के दौरान आचानक सोनू सूद नाम से नया महात्मा तैयार हो गया। इतने झटके और चतुराई के साथ किसी को महात्मा बनाया जा सकता है?