उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य UP: पत्रकार रतन सिंह की मौत के बाद परिवार ने रखी ये मांगें, सरकार ने इन बातों को माना… 26th August 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रतन सिंह हत्याकांड में मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। पत्रकार रतन सिंह का शव पोस्टमॉर्टम के बाद घर लाया गया। इसके बाद मुआवजे की मांगों को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने नैशनल हाइवे-31 को जाम कर दिया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। मीडियाकर्मियों ने एक करोड़ रुपये के साथ रतन की पत्नी को नौकरी देने की मांग रखी।इसके बाद एडीएम राम आसरे ने परिवारवालों से कहा कि मृतक पत्रकार की पत्नी को संविदा पर नौकरी दी जाएगी और मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा। यही नहीं, कृषि दुर्घटना बीमा के तहत 5 लाख रुपये तत्काल देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि संविदा की नौकरी को जल्द स्थायी कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग या अन्य किसी विभाग में विभागीय प्रक्रिया पूरा कर तत्काल नौकरी दी जाएगी। वारदात के बाद एसएचओ फेफना शशिमौली पांडेय पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।इससे पहले फेफना थानाध्यक्ष शशिमौलि पांडेय को सस्पेंड करने के साथ ही मुकदमा दर्ज करने की मांग भी रखी गई थी। वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने फेफना थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर करने का भरोसा रतन के परिवारवालों को दिलाया है। साथ ही इंस्पेक्टर शशिमौलि की इस हत्या में भूमिका की जांच किए जाने का आश्वासन भी दिया।उधर, पत्रकार रतन के परिवारवालों की सुरक्षा में प्रशासन के आदेश के बाद गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। पत्रकार रतन सिंह के परिवारवालों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात कही थी। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने मुख्यमंत्री से मुकालात कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद रतन के परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हो गए। वहीं इस हत्याकांड को लेकर राजनीति दल भी सक्रिय हो गए हैं। मृतक के पिता ने की यह मांगसमाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बलिया-लखनऊ हाइवे को जाम कर दिया। मृतक रतन के पिता ने एडीएम को ज्ञापन सौंप परिवार के सदस्यों के जीवनयापन के लिए एक सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ ही 50 लाख रुपये का मुआवजा और सुरक्षा मुहैया कराने की बात रखी थी। इनके साथ ही रतन के परिवारवालों ने कानपुरकांड की तर्ज पर रतन के मर्डर में शामिल लोगों के घर को गिराए जाने की मांग भी रखी। वहीं रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने पुलिस की उस थ्योरी को झूठा करार दिया जिसमें कहा जा रहा था कि आपसी विवाद के चलते यह हत्या हुई है। आईजी ने बताया था कि जमीनी विवाद में एक पक्ष ने भूसा रखा था तो दूसरे पक्ष ने उसी जमीन पर पुवाल लाकर रख दिया। इसी विवाद के बाद गोली चली और पत्रकार रतन सिंह की मौत हो गई। विधायक सुभाष पासी ने की पत्रकार के परिजनों को 25 लाख रूपये की सहायता की मांगगाजीपुर से विधायक सुभाष पासी ने पत्रकार रतन सिंह की हत्या पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यूपी में अपराध चरम पर है। जब पत्रकार थाने के बगल में मार दिये जा रहें है तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे होगी? उन्होंने कहा कि सत्ता के दबाव में पुलिस निरंकुश हो गयी है। असली अपराधी को छोड़कर निर्दोषों को फर्जी मुकदमें में फंसा रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार पत्रकार रतन सिंह के परिजनो को 25 लाख रूपये मुआवजा दें। Post Views: 178