महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य सिर्फ विवाह प्रमाण पत्र शादी का पर्याप्त सबूत नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट 27th October 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में साफ किया है कि दो लोगों के बीच हुए विवाह को साबित करने के लिए विवाह का प्रमाणपत्र पर्याप्त नहीं है। हाईकोर्ट ने अपने इस निर्णय में कहा है कि पति के दूसरे विवाह से केवल पहली पत्नी ही पीड़ित के दायरे में नहीं आती है। सिर्फ उसे ही शिकायत का हक नहीं है। यह अधिकार दूसरी पत्नी को भी है। वह भी भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत मामला दर्ज करा सकती है।न्यायमूर्ति के श्रीराम ने राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है। पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने के मामले में आरोपी रुपेश पवार (परिवर्तित) को सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया था। जबकि मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में पवार को दोषी ठहराया था। इसके साथ ही कहा था कि पति के दूसरे विवाह से पहली पत्नी पीड़ित होती है। सिर्फ उसे ही शिकायत का अधिकार है, लेकिन न्यायमूर्ति ने इससे असहमति व्यक्त की। न्यायमूर्ति ने कहा कि यदि कोई अपना पहला विवाह छुपाता है, तो दूसरी पत्नी के साथ धोखाधड़ी करता है। इसलिए उसे भी शिकायत का अधिकार है।मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि दूसरे विवाह के बाद जब पवार अपने घर में परंपरागत पूजा कर रहे थे। तभी एक महिला आयी और उसने कहा कि वह पवार की पहली पत्नी है और उसके दो बच्चे भी है। इसके बाद महिला ने अपने पति के दूसरा विवाह करने पर पुलिस में मामला दर्ज कराया। पवार के साथ अपने विवाह को लेकर महिला ने विवाह प्रमाणपत्र भी दिखाया, लेकिन न्यायमूर्ति ने विवाह को पंजीकृत करनेवाले अधिकारी के बयान को पढ़ने के बाद पाया कि जब यह विवाह पंजीकृत हुआ था, तो दुल्हा-दुल्हन साथ नहीं आए थे। यह दर्शाता है कि अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को पूरी तरह से संदेह के परे जाकर साबित नहीं कर पाया है। न्यायमूर्ति ने कहा कि सिर्फ विवाह का प्रमाण पत्र ही विवाह को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। क्योंकि इस मामले में शिकायत करने वाली महिला बाद में सत्र न्यायालय में अपने बयान से मुकर गई थी। इस लिहाज से इस मामले में पहले विवाह को छुपाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। इस तरह से न्यायमूर्ति ने आरोपी के रिहाई के आदेश को बरकरार रखा और राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया। Post Views: 157