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चंद्रबाबू नायडू ने 22 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ चुनाव आयोग से की मुलाकात, ज्ञापन सौंपा

फाइल फोटो

नयी दिल्‍ली, एग्जिट पोल्स के नतीजों में एनडीए को बहुमत मिलता देख विपक्षी दल ईवीएम पर सवाल उठाने लगे हैं। वे 50% ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की मांग कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने 22 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की और उसे ज्ञापन सौंपा। विपक्षी दलों के नेताओं के इस प्रतिनिधि मंडल की मांग है कि किसी पोलिंग बूथ में विसंगति पाए जाने की स्थिति में पूरे विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम के आंकड़ों का VVPAT पर्चियों से मिलान कराया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल की अगुआई चंद्रबाबू नायडू ने की।
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, एनसीपी, बसपा, माकपा, भाकपा और तृणमूल कांग्रेस के नेता शामिल थे। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव की मतगणना में दो दिन अभी बाकी होने से पहले ही प्रमुख विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में बैठक की। इस बैठक में मतगणना के बाद गैर राजग सरकार के गठन को लेकर विपक्षी नेताओं के बीच विचार-विमर्श हुआ।
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ईवीएम में कथित गड़बड़ी को लेकर काफी दिनों से चुनाव आयोग से शिकायत करते रहे हैं। उन्‍होंने चुनाव आयोग से लोकसभा चुनावों की मतगणना के दौरान ईवीएम के बजाय VVPAT से मतों की गिनती करने का आग्रह किया था। नायडू ने सोमवार को अपना विरोधी स्वर तेज करते हुए कहा था कि इस समय राजनीतिक पार्टियां ईवीएम की सुरक्षा में लगी हैं क्योंकि ऐसी अफवाह है कि फ्रीक्वेंसी की मदद से ईवीएम में स्टोर डेटा बदला जा सकता है।
सात मई को सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट को लेकर 21 विपक्षी दलों की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दी थी। विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट से 50 फीसद वीवीपैट पर्चियों को ईवीएम आंकड़ों से मिलाने की मांग की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह मामले पर पुनर्विचार का इच्छुक नहीं है। इससे पहले आठ अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हर विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम को वीवीपैट की पर्ची से मिलाने के आदेश को एक से बढ़ाकर पांच कर दिया था। पहले एक विधानसभा से सिर्फ एक ईवीएम का ही वीवीपैट की पर्ची से मिलान किया जाता था।